मध्य प्रदेश आैर अरुणाचल समेत चार राज्यों में 25 अप्रैल से शुरू होगी र्इ-वे बिल प्रणाली
नयी दिल्ली : मध्य प्रदेश, अरुणाचल सहित चार राज्य और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी में आगामी 25 अप्रैल से राज्य के भीतर वस्तु परिवहन के लिए ई-वे बिल प्रणाली शुरू कर दी जायेगी. केंद्र सरकार ने एक अप्रैल से देश में एक राज्य से दूसरे राज्य में 50 हजार रुपये से अधिक का माल भेजने […]
नयी दिल्ली : मध्य प्रदेश, अरुणाचल सहित चार राज्य और संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी में आगामी 25 अप्रैल से राज्य के भीतर वस्तु परिवहन के लिए ई-वे बिल प्रणाली शुरू कर दी जायेगी. केंद्र सरकार ने एक अप्रैल से देश में एक राज्य से दूसरे राज्य में 50 हजार रुपये से अधिक का माल भेजने के लिए ई-वे बिल प्रणाली की शुरुआत की है. अब राज्यों के भीतर वस्तुआें के परिवहन के लिए इसे चरणबद्ध ढंग से लागू किया जा रहा है. अब तक 12 राज्य इसे लागू कर चुके हैं.
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15 अप्रैल को देश के पांच राज्यों में लागू
मध्य प्रदेश , अरुणाचल प्रदेश , सिक्किम, मेघालय और एक संघ शासित प्रदेश पुडुचेरी में 25 अप्रैल से राज्य के भीतर माल परिवहन के लिए ई – वे बिल प्रणाली लागू हो जायेगी. जीएसटी नेटवर्क के सीईओ प्रकाश कुमार ने यह जानकारी दी. जीएसटी परिषद ने राज्यों के भीतर ई-वे बिल प्रणाली को 15 अप्रैल के बाद विभिन्न चरणों में लागू करने का फैसला किया था. 15 अप्रैल को पांच राज्य गुजरात, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और केरल में इसे लागू किया गया.
झारखंड-बिहार में 20 अप्रैल से शुरू हुर्इ नयी प्रणाली
इसके बाद 20 अप्रैल से छह राज्य बिहार, झारखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और त्रिपुरा में इसे लागू किया गया. देश में एक अप्रैल से अंतरराज्यीय और 15 अप्रैल से राज्यों के भीतर माल परिवहन के लिए ई – वे बिल व्यवस्था के अमल में आने के बाद रविवार तक कुल मिलाकर 1.84 करोड़ ई-वे बिल लिए जा चुके हैं. कुमार ने कहा कि जीएसटीएन पोर्टल पर सबसे ज्यादा ई-वे बिल दिन के उत्तरार्ध में निकाले जाते हैं.
21 अप्रैल को सबसे अधिक निकाला गया र्इ-वे बिल
जीएसटीएन के सीर्इआे प्रकाश कुमार ने बताया कि किसी एक दिन में 21 अप्रैल को ऐसे सबसे ज्यादा 12 लाख ई-वे बिल निकाले गये. ई-वे बिल पोर्टल का परिचालन अब तक सामान्य रहा है. पोर्टल की क्षमता प्रतिदिन 75 लाख ई-वे बिल सृजित करने की बनायी गयी है.
ई-वे बिल में 10 राज्यों का हिस्सा 83 फीसदी, गुजरात पहले नंबर पर
ई- वे बिल निकालने के मामले में 10 राज्यों का हिस्सा 83 फीसदी है और गुजरात इसमें सबसे आगे है. वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने सोमवार को बताया कि पिछले तीन सप्ताह के दौरान जितने ई-वे बिल निकाले गये हैं, उनमें से 83 फीसदी सिर्फ 10 राज्यों में निकाले गये. ई-वे पोर्टल से एक अप्रैल से 22 अप्रैल के दौरान कुल 1.84 करोड़ ई – वे बिल निकाले गये. जीएसटीएन के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान सबसे अधिक 34.41 लाख ई-वे बिल गुजरात में निकाले गये.
कर्नाटक दूसरे आैर महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर
दूसरे नंबर पर 26.23 लाख के आंकड़े के साथ कर्नाटक और 21.06 के आंकड़े के साथ महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर रहा. वहीं, इस अवधि में उत्तर प्रदेश में 15.49 लाख , हरियाणा में 14.69 लाख और दिल्ली में 10.94 लाख ई-वे बिल निकाले गये. सरकार ने 50,000 रुपये से अधिक की वस्तु एक राज्य से दूसरे राज्य ले जाने के लिए एक अप्रैल से इलेक्ट्रानिक वे या ई – वे बिल प्रणाली शुरू की थी.
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