Field Workers को प्रताड़ना आैर दोषारोपण से दूर रखेगा Railway, तैयार किया जा रहा खाका
नयी दिल्ली : रेलवे ने अपने जोनल कार्यालयों से कहा है कि वे इस बात को सुनिश्चित करने के लिए खाका तैयार करें कि रखरखाव के काम में विलंब की स्थिति में ट्रैकमैन, गैंगमैन और सेक्शन अधिकारियों जैसे फील्डकर्मियों को प्रताड़ित नहीं किया जाए. यह निर्णय 19 अगस्त, 2017 को पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त […]
नयी दिल्ली : रेलवे ने अपने जोनल कार्यालयों से कहा है कि वे इस बात को सुनिश्चित करने के लिए खाका तैयार करें कि रखरखाव के काम में विलंब की स्थिति में ट्रैकमैन, गैंगमैन और सेक्शन अधिकारियों जैसे फील्डकर्मियों को प्रताड़ित नहीं किया जाए. यह निर्णय 19 अगस्त, 2017 को पुरी-हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस के दुर्घटनाग्रस्त होने पर तैयार रेलवे सुरक्षा (उत्तर जोन ) आयुक्त की रिपोर्ट के आधार पर लिया गया है. इसमें सुझाव दिया गया है कि रेलवे को ऐसी व्यवस्था विकसित करनी चाहिए, जिससे उत्पीड़न और एक-दूसरे पर दोषारोपण को रोका जा सके, क्योंकि यह मनोबल और फील्डकर्मियों की निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है.
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रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने कहा कि यह अधिक प्रासंगिक है. असुरक्षित स्थिति से बचने के लिए हमारे कर्मचारियों को अग्रसक्रिय होकर कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है. बोर्ड के पत्र में जोनल रेलवे कार्यालयों को कहा गया है कि वे सिफारिशों पर कार्यान्वयन सुनिश्चित करें और उस पर कार्रवाई रिपोर्ट सौंपें. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई बार रखरखाव का काम समय पर पूरा नहीं होने के कारण कई ट्रेनों में विलंब होता है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को देरी के लिए स्पष्टीकरण देना पड़ता है और कार्यस्थल पर उत्पीड़न भी झेलना पड़ता है. यात्री तथा उनके वरिष्ठ अधिकारी फील्ड कर्मचारियों को दोषी ठहराते हैं और यह एक बड़ा मुद्दा बन जाता है.
हालांकि, इस देरी का कारण सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है. अधिकारियों ने कहा कि बोर्ड से पत्र रेल मंत्रालय के उस अभियान का हिस्सा है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रेलवे नेटवर्क में कर्मचारियों, विशेष रूप से ट्रैकमेन, गैंगमेन, सेक्शन अधिकारी जैसे कर्मचारी जो भी काम वो करते हैं उससे संतुष्ट हों, क्योंकि यही कर्मचारी पटरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं. कुछ दिन पहले लोहानी ने रेलवे जोन के महाप्रबंधकों और मंडलीय रेलवे प्रबंधकों को लिखा था कि रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी अपने कनिष्ठ कर्मचारियों को ‘तू’ और ‘तुम’ के स्थान पर ‘आप ‘ कहकर संबोधित करें.
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