कर्मचारियों के पीएफ खाते में अंशदान नहीं जमा कराना कंपनियों को पड़ेगा भारी, जानिये क्यों…?
नयी दिल्ली : कंपनियां अगर आपके भविष्य निधि (पीएफ) खातों में आपका अंशदान जमा नहीं कराता है, तो उन्हें एेसा करना भारी पड़ेगा. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने बुधवार को कहा कि अगर नियोक्ता भविष्य निधि में योगदान को ईपीएफओ के पास समय पर जमा नहीं करते हैं, तो वह इसकी सूचना अपने अंशधारकों […]
नयी दिल्ली : कंपनियां अगर आपके भविष्य निधि (पीएफ) खातों में आपका अंशदान जमा नहीं कराता है, तो उन्हें एेसा करना भारी पड़ेगा. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने बुधवार को कहा कि अगर नियोक्ता भविष्य निधि में योगदान को ईपीएफओ के पास समय पर जमा नहीं करते हैं, तो वह इसकी सूचना अपने अंशधारकों को देगा. फिलहाल, ईपीएफओ पंजीकृत सार्वभौमिक खाता संख्या रखने वाले अंशधारकों के खाते में केवल जमा राशि के बारे में ही एसएमएस या फिर ईमेल के जरिये सूचना देता है.
इसे भी पढ़ेंः घर बैठे भी ट्रांसफर कर सकते हैं अपना पीएफ खाता…जानिए प्रक्रिया
ईपीएफओ ने एक बयान में कहा कि जिन सदस्यों का योगदान समय पर जमा नहीं होता, उसके बारे में सूचना नहीं दी जाती. पारदर्शिता बढ़ाने के इरादे से यह निर्णय किया गया है कि उन अंशधारकों को एसएमएस या फिर ई-मेल (जिन्होंने यूएएन खाते में अपना मोबाइल नंबर या फिर ई – मेल पंजीकरण कराया है ) के जरिये यह सूचना दी जायेगी, जिनके नियोक्ताओं ने संबंधित महीने का समय पर योगदान राशि ईपीएफओ के पास जमा नहीं करायी.
संगठन के अनुसार, अब योगदान राशि जमा किये जाने के बारे में जानकारी ई-पासबुक आॅनलाइन तथा उमंग मोबाइल एप के जरिये भी उपलब्ध होगी. इसके अलावा, सदस्यों ‘मिस्ड काॅल’ सेवा के जरिये भी सूचना प्राप्त कर सकते हैं. जिन ईपीएफओ सदस्यों का मासिक योगदान नियमित तौर पर प्राप्त होता है, वे उक्त विकल्पों का उपयोग कर अपना योगदान देख सकते हैं. ईपीएफओ के अंशधारकों की संख्या पांच करोड़ से अधिक है. संगठन 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक कोष का प्रबंधन करता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.