नयी दिल्ली : कर्ज के भारी बोझ तले दबे दूरसंचार क्षेत्र को उबारने के लिए सरकार नयी राष्ट्रीय दूरसंचार नीति का मसौदा सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए एक मई को जारी कर सकती है. दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने गुरुवार को यह जानकारी दी. अमेरिकी उद्योग मंडल एमचैम की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए सुंदरराजन ने कहा कि नई नीति सुधार केंद्रित होगी. हमें उम्मीद है कि आप इसे एक मई को देख सकेंगे. यह निवेशक अनुकूल होगी और इसमें अनुपालन की लागत कम होगी.
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सचिव ने कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय दूरसंचार नीति (एनटीपी) 2018 को सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए 15-20 दिन रखा जायेगा. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि इससे नवोन्मेषण बढ़ेगा. यह मेक इन इंडिया पर केंद्रित होगी. सुंदरराजन ने कहा कि सार्वजनिक टिप्पणियां आने के बाद दूरसंचार विभाग अंतर मंत्रिस्तरीय विचार विमर्श शुरू करेगा. उसके बाद नीति को मंत्रिमंडल के पास अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जायेगा.
एनटीपी 2018 भारतीय दूरसंचार क्षेत्र की वृद्धि की रूपरेखा पेश करेगी. यह क्षेत्र पहले से 7.8 लाख करोड़ रुपये रुपये के कर्ज के बोझ से दबा है. यह नीति अगले पांच साल के लिए होगी. दूरसंचार परिचालकों का कहना है कि सरकार को क्षेत्र में कारोबार को आर्थिक रूप से व्यावहारिक बनाने के लिए स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क, लाइसेंस शुल्क और अन्य शुल्कों को कम करना चाहिए.
आर्थिक समीक्षा 2017-18 में इस बात का जिक्र किया गया है कि भारी कर्ज के बोझ की वजह से दूरसंचार क्षेत्र दबाव में है. इसके अलावा शुल्क युद्ध और तर्कहीन स्पेक्ट्रम लागत की वजह से भी क्षेत्र पर दबाव है. दूरसंचार विभाग ने दूरसंचार नीति के लिए विभिन्न अंशधारकों से कई दौर का विचार विमर्श किया है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एनटीपी 2018 के लिए रूपरेखा का सुझाव दिया है.
इस रूपरेखा के तहत वैश्विक जरूरतों को पूरा करना और 2022 तक 100 अरब डॉलर का निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य है. इसमें सुझाव दिया गया है कि एनटीपी 2018 कारोबार करने की स्थिति को सुगम करे. इसके लिए लाइसेंसिंग और नियामकीय ढांचे को सुगम करना, करों को तर्कसंगत बनाना, शुल्कों को कम करना और संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करना शामिल है.
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