फिच ने भारत की रेटिंग BBB Minus को रखा बरकरार, यानी निवेश कमजोर
नयी दिल्ली : वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की स्वायत्त वित्तीय साख का दर्जा स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-‘ श्रेणी में बरकार रखा. यह बताता है कि फिच की निगाह में भारत सरकार के ऋण-पत्र पूंजी लगाने लायक तो हैं, पर यह निवेश की न्यूनतम श्रेणी के हैं. रेटिंग एजेंसी ने अपने ताजा […]
नयी दिल्ली : वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी फिच ने भारत की स्वायत्त वित्तीय साख का दर्जा स्थिर परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-‘ श्रेणी में बरकार रखा. यह बताता है कि फिच की निगाह में भारत सरकार के ऋण-पत्र पूंजी लगाने लायक तो हैं, पर यह निवेश की न्यूनतम श्रेणी के हैं. रेटिंग एजेंसी ने अपने ताजा आकलन में कहा है कि मध्यम अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि तेज होने की संभावना मजबूत है. फिच ने देश को बीबीबी- रेटिंग 11 साल पहले दी थी.
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फिच ने कहा है कि भारत की स्वायत्त साख को इस दर्जे में इसलिए रखा गया है, क्योंकि एक तरफ जहां देश की मध्यकालिक आर्थिक वृद्धि का परिदृश्य मजबूत है और भुगतान संतुलन आदि की स्थिति अनुकूल है, वहीं राजकोषीय स्थिति में कुछ कमजोरियां और पुराने बुनियादी मुद्दे बने हुए हैं. इनमें संचालन के स्तर और कारोबार के वातावरण से जुड़े मुद्दे शामिल हैं. एजेंसी ने कहा है कि भारत में कारोबार के वातावरण में सुधार हो रहा है, पर अब भी कठिनाइयां बनी हुई हैं.
फिच ने देश की आर्थिक वृद्धि की दर चालू वित्त वर्ष के लिए 7.3 फीसदी रहने तथा 2019-20 के लिए 7.5 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है. फिच ने कहा कि स्थिर परिदृश्य से यह झलका है कि (देश की ) रेटिंग में सुधार के अनुकूल और प्रतिकूल बातें बराबर बराबर बनी हुई हैं. फिच ने यह कदम तब उठाया है जब कि मूडीज ने 14 साल बाद देश की रेटिंग को बेहतर किया है.
हालांकि, एसएंडपी ने भी भारत की स्वायत्त रेटिंग को बरकरार रखा था. फिच ने कहा कि देश का राजकोषीय वित्तपोषण कमजोर है लेकिन चालू खाता घाटा की स्थिति अनुकूल है. उसने कहा कि उभरते बड़े बाजारों में भारत की मध्यम अवधि में वृद्धि की संभावनाएं सबसे मजबूत हैं.
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