IRCTC के आरएसपी से ई-टिकट पाना अभी दूर की कौड़ी, जानिये क्यों…?
नयी दिल्ली : रेलवे की ई-टिकटिंग इकाई आईआरसीटीसी को 2.82 लाख रिटेल सेवा प्रदाताओं (आरएसपी) के माध्यम से ई – टिकट सेवा मुहैया करवाने में और तीन साल का वक्त लगेगा. फिलहाल, उसके पास केवल 38,500 आरएसपी ही पंजीकृत हैं. सूत्रों ने बताया कि भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) पर प्रतिदिन करीब 200 […]
नयी दिल्ली : रेलवे की ई-टिकटिंग इकाई आईआरसीटीसी को 2.82 लाख रिटेल सेवा प्रदाताओं (आरएसपी) के माध्यम से ई – टिकट सेवा मुहैया करवाने में और तीन साल का वक्त लगेगा. फिलहाल, उसके पास केवल 38,500 आरएसपी ही पंजीकृत हैं. सूत्रों ने बताया कि भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) पर प्रतिदिन करीब 200 से 300 रिटेल सेवा प्रदाता पंजीयन करवा रहे हैं, जिसे देखते हुए 2.82 लाख का लक्ष्य प्राप्त होना मुश्किल मालूम पड़ता है.
इसे भी पढ़ें : इस तरह से आईआरसीटीसी के सॉफ्टवेयर को क्रैक कर बुक हो रहे तत्काल टिकट
सूत्रों ने बताया कि आईआरसीटीसी की सेवाओं के लिए प्रतिदिन करीब 200 से 300 आरएसपी पंजीयन करवा रहे हैं. ऐसे में अब तक महज 38,500 रिटेल सेवा प्रदाता ही हैं. सूचना संचार एवं प्रोद्यौगिकी मंत्रालय को इस बारे में सूचना दे दी गयी है. हम इस काम को युद्ध स्तर पर कर रहे हैं.
सरकार ने साझा सेवा केंद्र (सीएससी ) शुरू किये हैं, ताकि विक्रेताओं (खासतौर पर ग्रामीण इलाके के) को डिजिटल भुगतान स्वीकार करने में सक्षम बनाया जा सके. सीएससी का नाम हाल में बदलकर ‘डिजिटल सेवा केंद्र’ किया गया है. यह ग्रामीण इलाकों में होते हैं और नागरिकों के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग, आधार पंजीयन, मुद्रण और प्रमाण पत्र बनाने जैसे कई कामों में मददगार होते हैं.
सरकार का दावा है कि देश में इस तरह के 2.92 केंद्र चल रहे हैं. आईआरसीटीसी इस तरह के 2.8 लाख केंद्रों के जरिये आरएसपी के माध्यम से ई-टिकटिंग सेवा प्रदान
करती है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.