नयी दिल्ली : आईसीआईसीआई बैंक के निदेशक मंडल में सरकार नामित निदेशक के जांच एजेंसियों से रिपोर्ट मिलने तक बैंक बोर्ड की बैठक में शामिल होने की संभावना नहीं है. जांच एजेंसियां आईसीआईसीआई बैंक की प्रमुख चंदा कोचर से जुड़े हितों के टकराव के आरोपों की जांच कर रही हैं. निदेशक लोक रंजन ने आईसीआईसीआई बैंक बोर्ड की सोमवार को हुई महत्वपूर्ण बैठक में भाग नहीं लिया. इस बारे में पूछे जाने पर आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अगर सरकार नामित निदेशक बोर्ड की बैठक में शामिल होते हैं, तो इसे बोर्ड के विचारों का समर्थन माना जायेगा.
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सरकार का मानना है कि उसकी राय को खारिज किया जा सकता है, क्योंकि वह अल्पांश शेयरधारक है. आईसीआईसीआई बैंक की सोमवार को हुई बोर्ड बैठक में आईसीआईसीआई बैंक के त्रैमासिक व सालाना वित्तीय परिणामों को मंजूरी दी गयी. सूत्रों ने कहा कि इसके मद्देनजर विभिन्न जांच एजेंसियों से जानकारी मिलने के बाद ही बोर्ड बैठक में शामिल होने में बुद्धिमानी होगी. उन्होंने कहा कि सरकार नामित निदेशक ने आईसीआईसीआई बैंक के बोर्ड की सोमवार को हुई बैठक में भी भाग नहीं लिया.
आईसीआईसीआई बैंक मामले में सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर सूत्रों ने कहा कि वह नियामकीय तथा जांच रिपोर्टों के आधार पर ही कोई राय बनायेगी. आरोप है कि कर्ज लेने वालों ने आईसीआईसीआई बैंक से कर्ज दिये जाने के बदले चंदा कोचर के परिवार वालों को वित्तीय फायदे दिये. मामले की जांच सीबीआई व आयकर विभाग सहित अनेक एजेंसियां कर रही हैं.
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