नयी दिल्ली : संकट में फंसी जयप्रकाश एसोसिएट्स ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 100 करोड़ रुपये जमा कराये हैं. शीर्ष अदालत ने कंपनी की अनुषंगी द्वारा फ्लैटों के आवंटन में देरी से संबंधित मामले में समूह को यह राशि जमा कराने का निर्देश दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 16 अप्रैल को जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड उसकी रजिस्ट्री में 10 मई तक 100 करोड़ रुपये जमा कराने का निर्देश दिया था.
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जेपी ग्रुप की प्रमुख कंपनी अभी तक सुप्र्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में 750 करोड़ रुपये जमा करा चुकी है. जयप्रकाश एसोसिएट्स की रीयल एस्टेट इकाई जेपी इन्फ्राटेक के फ्लैट खरीदार आवास परियोजनाओं में देरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में राहत के लिए गये थे. फ्लैट खरीदारों की याचिका में कहा गया था कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने पिछले साल 10 अगस्त को आईडीबीआई बैंक की जेपी इन्फ्राटेक के खिलाफ दिवाला कार्रवाई शुरू करने की अनुमति दे दी थी. बैंक को कंपनी से 526 करोड़ रुपये वसूलने है.
जेपी इन्फाटेक ने 2007 में अपनी टाउनशिप विश टाउन नोएडा में 32,000 फ्लैटों और प्लॉटों का विकास शुरू किया था. अभी तक कंपनी ने 9,500 अपार्टमेंट की आपूर्ति की है और 4,500 अन्य फ्लैटों के आवंटन के लिए अधिकार प्रमाणपत्र के लिए आवेदन किया है. कंपनी की योजना के शेष 18,000 फ्लैटों का आवंटन 2021 तक करने का है. कंपनी को इन फ्लैटों के निर्माण के लिए 6,500 करोड़ रुपये की जरूरत है. इसमें से 4,000 करोड़ रुपये उसे खरीदारों से प्राप्त होने है. इस तरह उसके पास करीब 2,500 करोड़ रुपये कम हैं.
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