भूषण पावर एंड स्टील की नीलामी में लिबर्टी हाउस की बोली पर होगा पुनर्विचार
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने बुधवार को भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के कर्जदाताओं से ब्रिटेन की कंपनी लिबर्टी हाउस की बोली पर विचार करने को कहा. कर्ज नहीं उतार पा रही भूषण पावर-स्टील को दिवालिया कंपनियों के समाधान के लिए बने नये कानून के तहत नीलाम किया जा […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने बुधवार को भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) के कर्जदाताओं से ब्रिटेन की कंपनी लिबर्टी हाउस की बोली पर विचार करने को कहा. कर्ज नहीं उतार पा रही भूषण पावर-स्टील को दिवालिया कंपनियों के समाधान के लिए बने नये कानून के तहत नीलाम किया जा रहा है.
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बीपीएसएल के लिए बोली लगाने वाली टाटा स्टील ने मंगलवार को राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के उस फैसले को चुनौती दी थी, जिसमें उसने कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) को लिबर्टी हाउस की पेशकश पर भी विचार करने के लिए कहा था. न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली अपीलीय न्यायाधिकरण की दो सदस्यीय पीठ ने सीओसी को 24 मई यानी मामले की अगली सुनवाई की तारीख तक समाधान योजना के नतीजे नहीं घोषित करने के निर्देश दिये हैं.
सीओसी को लिबर्टी हाउस की योजना को मंजूर करने या खारिज करने का कारण भी बताने को कहा है. इससे पहले न्यायमूर्ति एमएम कुमार की अध्यक्षता वाली एनसीएलटी की पीठ ने कहा था कि लिबर्टी हाउस की बोली को सिर्फ इस आधार पर अयोग्य नहीं घोषित किया जा सकता, क्योंकि उसने अपनी पेशकश इस प्रक्रिया पूरी कराने के लिए नियुक्त ‘समाधान- पेशेवर’ द्वारा निर्धारित समयसीमा के बाद बोली दाखिल की है. समझा जाता है कि भूषण पावर एंड स्टील लि के लिए टाटा की बोली सबसे ऊंची है.
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