पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने पटरियों से हाथियों को भगाने की खातिर निकाली अनोखी तरकीब

गुवाहाटी : पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने पटरियों के नजदीक आने वाले हाथियों को भगाने के लिए एक अनोखी तरकीब निकाली है. इस तरकीब को अख्तियार करने के बाद हाथियों का ट्रेनों से टकराने की घटनाओं में कमी आयी है. रेलवे की यह तरकीब पटरियों के पास मधुमक्खियों की भिनभिनाहट वाली आवाज को बजाना है. मधुमक्खियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 10, 2018 7:22 PM

गुवाहाटी : पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे ने पटरियों के नजदीक आने वाले हाथियों को भगाने के लिए एक अनोखी तरकीब निकाली है. इस तरकीब को अख्तियार करने के बाद हाथियों का ट्रेनों से टकराने की घटनाओं में कमी आयी है. रेलवे की यह तरकीब पटरियों के पास मधुमक्खियों की भिनभिनाहट वाली आवाज को बजाना है. मधुमक्खियों की भिनभिनाहट की आवाज को इंटरनेट से डाउनलोड किया गया है. रेलवे की यह अनूठी पहल खूब सुर्खियां बटोर रही है.

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पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) ने इस प्रणाली को अपने चार डिवीजनों के उन सभी चुनिंदा रेलवे समपार पर लागू किया है, जहां हाथियों का क्षेत्र है. यह पहल 2017 के अंत में क्रमबद्ध तरीके से लागू की गयी तथा इस साल ट्रेन से टकराने की घटनाओं में केवल छह हाथियों की मौत हुई है. 2013 में इस तरह की घटनाओं में मरने वाले हाथियों की संख्या 19 थी. 2014 में पांच, 2015 में 12, 2016 में 9, जबकि 2017 में इसकी संख्या 10 थी.

एनएफआर के अतिरिक्त महाप्रबंधक लोकेश नारायण ने बताया कि हमने पहले इसे रांगिया डिवीजन में लगाया और जब यह तरीका सफल रहा, तो बाद हमने अन्य क्षेत्रों में भी इस तरीके को अपनाया. इसे सिर्फ छह महीने पहले ही शुरू किया गया है. केन्या में पटरियों से हाथियों को दूर रखने के लिए उस इलाके में बाड़ पर मुधमक्खियों के छत्ते को लटका दिया जाता है.

एनएफआर ने इन जानवरों को दूर रखने के लिए इलेक्ट्रॉनिक बजर का उपयोग किया है. हाथी को हटाने की तकनीकों में मिर्ची बम और इलेक्ट्रिक बाड़े का उपयोग भी पहले किया जा चुका है, लेकिन भिनभिनाहट की आवाज वाला यह तरीका सबसे प्रभावी और किफायती साबित हुआ है. यह एक साधारण उपकरण है, जिसमें इंटरनेट से मधुमक्खियों की रिकॉर्ड की गयी आवाज डाउनलोड कर बजाया जाता है. इस उपकरण की लागत करीब 2,000 रुपये है और यह 600 मीटर दूर तक किसी हाथी को सुनायी दे सकती है.

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