कर देनदारी का पता लगाने को फ्लिपकार्ट के शेयर खरीद करार को देखेगा आयकर विभाग
नयी दिल्ली: वॉलमार्ट द्वाराइ – कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के 16 अरब डॉलर के सौदे के मद्देनजर आयकर विभाग भारतीय कंपनी के शेयर खरीद करार पर गौर करेगा और इसके लिए कंपनी से फ्लिपकार्ट के साथ किए गए शेयर खरीद करार को मांगा जाएगा. एक अधिकारी ने कहा कि इससे कर देनदारी का पता लगाने के […]
नयी दिल्ली: वॉलमार्ट द्वाराइ – कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के 16 अरब डॉलर के सौदे के मद्देनजर आयकर विभाग भारतीय कंपनी के शेयर खरीद करार पर गौर करेगा और इसके लिए कंपनी से फ्लिपकार्ट के साथ किए गए शेयर खरीद करार को मांगा जाएगा. एक अधिकारी ने कहा कि इससे कर देनदारी का पता लगाने के साथ यह देखा जा सके कि क्या इसमें कर परिवर्जन रोधी सामान्य नियम ( गार ) के प्रावधान लागू किए जा सकते हैं.
विभाग फिलहाल आयकर कानून की धारा 9(1) पर गौर कर रहा है जो संपत्तियों के अप्रत्यक्ष स्थानांतरण से जुड़ी धारा है. इसके जरिये यह पता लगाया जाएगा कि क्या इस मामले में निवेशकों को सिंगापुर और मारीशस जैसे देशों के साथ द्विपक्षीय कर संधियों के लाभ मिल सकते हैं. सिंगापुर में पंजीकृत फ्लिपकार्ट प्राइवेट लिमिटेड के पास फ्लिपकार्ट इंडिया की बहुलांश हिस्सेदारीहै. पिछले सप्ताह दोनों कंपनियों के बीच हुए पक्के करार के तहत वॉलमार्ट सिंगापुर इकाई की 77 प्रतिशत हिस्सेदारी 16 अरब डॉलर में खरीदेगी. इस करार से अंतत : फ्लिपकार्ट इंडिया का स्वामित्व वॉलमार्ट के पास चला जाएगा. कर देनदारी का पता लगाने के लिए राजस्व विभाग फ्लिपकार्ट से शेयरखरीद करार मांगेगा.
एक अधिकारी ने कहा, ‘‘ बिक्री की औपचारिकताएं पूरी होने के बाद विभाग वॉलमार्ट के साथ हुए शेयर खरीद करार का ब्योरा फ्लिपकार्ट से मांगेगा. इससे धन के प्रवाह तथा इसका लाभ लेने वालों के बारे में पता चल सकेगा. गार नियम लागू होने के बारे में अधिकारी ने कहा कि यह ऐसे मामलों में लागू होता है जहां निवेश कर बचाने के मकसद से किया गया हो. वॉलमार्ट – फ्लिपकार्ट सौदे में राजस्व विभाग शेयर खरीद करार के जरिये निवेश के उद्देश्य तथा उससे होने वाले लाभ के बारे में पता लगाएगा.
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