नयी दिल्ली : स्वीडन की दूरसंचार उपकरण निर्माता कंपनी एरिक्सन की दिवाला प्रक्रिया शुरू करने की याचिका को एनसीएलटी से मंजूरी दिये जाने के खिलाफ रिलायंस कम्युनिकेशंस ने राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) का दरवाजा खटखटाया है. अनिल अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस कम्युनिकेशंस् की याचिका पर अपीलीय न्यायाधिकरण में अगले कुछ सप्ताह में सुनवाई होने की उम्मीद है.
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रिलायंस कम्युनिकेशंस ने इस संबंध में शेयर बाजारों को सूचित करते हुए कहा है कि उसने अपनी दो अनुषंगी इकाइयों के साथ एनसीएलएटी का दरवाजा खटखटाया है. कंपनी ने कहा है कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एलसीएलटी) की मुंबई शाखा ने 15 मई को जो आदेश दिया है, उसके स्थगन के लिए रिलायंस टेलिकॉम और रिलायंस इंफ्राटेल ने एलसीएलएटी में याचिका दायर की है.
एनसीएलटी ने एरिक्शन की उस याचिका को स्वीकार कर लिया है, जिसमें उसने 1,150 करोड़ रुपये की वसूली के लिए रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसकी दो अनुषंगी कंपनियों के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए एनसीएलटी में याचिका दाखिल की, जिसे स्वीकार कर लिया गया. एरिक्सन ने रिलायंस कम्युनिकेशंस के दूरसंचार नेटवर्क की देखभाल और उसे चलाने के लिए 2014 में सात साल का समझौता किया था.
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