नयी दिल्ली : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने दावा किया है कि मार्च तक समाप्त सात महीने की अवधि में 39.36 लाख नये रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है. ताजा आंकड़़ों के अनुसार, मार्च में 6.13 लाख नये रोजगार का सृजन हुआ. यह फरवरी की तुलना में अधिक है. फरवरी में 5.89 लाख नये रोजगार के अवसर पैदा हुए थे.
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आंकड़ों से पता चलता है कि इनमें से आधी नौकरियां विशेषज्ञ सेवा खंड में सभी आयु वर्ग में पैदा हुईं. जिन क्षेत्रों में उल्लेखनीय रूप से रोजगार पैदा हुए उनमें इलेक्ट्रिक, मेकेनिकल या सामान्य इंजीनियरिंग उत्पाद शामिल हैं. इसके बाद भवन एवं निर्माण उद्योग, ट्रेडिंग और वाणिज्यिक प्रतिष्ठान और कपड़ा शामिल हैं. आंकड़ों से साफ है कि संगठित क्षेत्र में जो रोजगार सृजित हुए, उनमें से आधी नौकरियां महाराष्ट्र, तमिलनाडु और गुजरात में पैदा हुईं.
ईपीएफओ द्वारा रोजगार आंकड़ों का पहला सेट पिछले महीने जारी किया गया था. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने आंकड़ों के आधार पर रोजगार सृजन पर संदेह जताया है. उनका कहना है कि इन आंकड़ों से रोजगार सृजन की सही तस्वीर का पता नहीं चलता है, क्योंकि इसमें कर्मचारियों द्वारा नौकरियों में बदलाव को भी शामिल किया गया है.
ईपीएफओ ने ये आंकड़े अपलोड करते हुए कहा है कि हालिया महीनों के आंकड़े अस्थायी हैं. कर्मचारियों के रिकॉर्ड का अद्यतन एक सतत प्रक्रिया है. आगे के महीनों में इन्हें और अपडेट किया जायेगा. ईपीएफओ ने कहा कि यह आयु वर्ग के हिसाब से आंकड़ा सभी गैर शून्य योगदानकर्ताओं का है, जो संबंधित महीने में ईपीएफओ के तहत पंजीकृत हुए हैं. इन अनुमानों में अस्थायी कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं, जो संभवत: पूरे साल के लिए योगदान नहीं देंगे.
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