पेट्रोल-डीजल के दामों से फिलहाल आम आदमी को राहत नहीं, सरकार करेगी बहस
नयी दिल्ली : कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही सुरसा के मुंह की तरह लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों से फिलहाल देश के आम आदमी को राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. हालांकि, सरकार ने पेट्रोल-डीजल के रोजाना बढ़ रहे दामों को लेकर कोई स्पष्ट फैसला नहीं किया […]
नयी दिल्ली : कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद से ही सुरसा के मुंह की तरह लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतों से फिलहाल देश के आम आदमी को राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं. हालांकि, सरकार ने पेट्रोल-डीजल के रोजाना बढ़ रहे दामों को लेकर कोई स्पष्ट फैसला नहीं किया है, लेकिन उसने कहा है कि वह पेट्रोल-डीजल के दाम में लगातार होने वाले बदलाव और बढ़ते दाम को लेकर दीर्घकालिक समाधान पर काम कर रही है.
इसे भी पढ़ें : आखिरकार पेट्रोल-डीजल को GST के दायरे में लाने को सरकार हो गयी तैयार, मगर…!
बता दें कि बुधवार को पेट्रोल-डीजल के दाम लगातार 10 वें दिन बढ़े हैं. हालांकि, पेट्रोल-डीजल के दामों में लगातार नौवें दिन होने वाले इजाफे के बाद विपक्ष की ओर से किये जा रहे हमलों के बाद भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने मंगलवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान यह कहा था कि केंद्र की मोदी सरकार ईंधन की कीमतों में हो रहे इजाफे को लेकर एक-दो दिन में बड़ा कदम उठाने जा रही है.
इसके साथ ही, बुधवार को इस मसले पर केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री शिवप्रताप शुक्ला ने कहा है कि कच्चा तेल आयातित होता है. विदेशी कंपनियां कीमतें बढ़ा रही हैं. पेट्रोलियम मंत्रालय कह चुका है कि पेट्रोल तथा डीज़ल को जीएसटी के दायरे में लाया जाना चाहिए, लेकिन मुद्दा यह है कि इस प्रस्ताव को जीएसटी काउंसिल के सामने तब तक नहीं लाया जा सकता, जब तक सभी राज्यों के वित्त मंत्रालय इसे मंजूरी न दे दें.
गौरतलब है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने पिछले साल जून में हर पखवाड़े पेट्रोल-डीजल के दाम में संशोधन की 15 साल पुरानी व्यवस्था को समाप्त कर अंतरराष्ट्रीय बाजार की घट-बढ़ के अनुरूप हर दिन दाम में फेरबदल की शुरुआत की. यह व्यवस्था हाल के दिनों में ठीकठाक चली, लेकिन कर्नाटक चुनाव के दिनों में मतदान से कुछ दिन पहले इस पर रोक लगा दी गयी थी.
हाल में कर्नाटक विधानसभा चुनावों से पहले 19 दिन दाम में दैनिक संशोधन की व्यवस्था को रोक दिया गया. जैसे ही मतदान समाप्त हुआ उसके बाद 14 मई के बाद अब तक पिछले नौ दिन में पेट्रोल का दाम 2.54 रुपये और डीजल का दाम 2.41 रुपये लीटर बढ़ चुका है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कानून एवं आईटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि ईंधन के दाम में लगातार होने वाली वृद्धि चिंता और बहस का विषय है. सरकार इस समूची प्रक्रिया पर गौर कर रही है. दाम में वृद्धि और इनको लेकर बनी अनिश्चितता हर पहलू को वह देख रही है. उन्होंने कहा कि लगातार बदलती भू-राजनीतिक स्थिति ने अंतरराष्ट्रीय तेल मूल्यों की दिशा को लेकर अनिश्चिता पैदा कर दी है.
सरकार इस बात को लेकर गंभीर है कि तदर्थ उपाय करने के बजाय दीर्घकालिक निदान किया जाये. ऐसा निदान जिससे न केवल ईंधन मूल्य की घट-बढ़ से निजात मिले. समय-समय पर होने वाली घटबढ से जो अनावश्यक परेशानी होती है, उससे से भी छुटकारा मिले. हालांकि, मंत्री ने उपायों के बारे में बताने से इनकार किया. शुल्क कटौती अथवा दूसरे उपायों के बारे में उन्होंनें कोई जानकारी नहीं दी.
पेट्रोल-डीजल पर उत्पाद शुल्क कटौती के बारे में पूछने पर प्रसाद ने कहा कि कर से मिलने वाले राजस्व का देश के विकास में इस्तेमाल किया जाता है. राजमार्गों का निर्माण, डिजिटल ढांचागत सुविधा, गांवों को बिजली, अस्पताल और शिक्षा क्षेत्र के विकास कार्यों में इसका इस्तेमाल होता है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.