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पेट्रोल 80 रुपये के पार, ऐसे समझें कैसे बढ़ता है दाम

नयी दिल्ली : पिछले डेढ़ सप्ताह से हर रोज पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं. बढ़ती कीमतों से राहत दिलाने के लिए सरकार ने सिर्फ आश्वासन ही दिया है. पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि वह दीर्घकालीन उपायों पर विचार कर रही है, अब पेट्रोलियम मंत्री बोल रहे हैं कि तत्काल समाधान पर विचार […]

नयी दिल्ली : पिछले डेढ़ सप्ताह से हर रोज पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ रहे हैं. बढ़ती कीमतों से राहत दिलाने के लिए सरकार ने सिर्फ आश्वासन ही दिया है. पहले केंद्र सरकार ने कहा था कि वह दीर्घकालीन उपायों पर विचार कर रही है, अब पेट्रोलियम मंत्री बोल रहे हैं कि तत्काल समाधान पर विचार किया जा रहा है.

गुरुवार को भी पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ीं. ज्यादातर शहरों में पेट्रोल ने 80 का आंकड़ा पार कर लिया है. मुंबई में तो यह 85 के पार निकल गया है. इंडियन ऑयल के मुताबिक, गुरुवार को दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल के लिए 77.47 रुपये चुकाने पड़े. मुंबई में यह 85.29 रुपये प्रति लीटर बिका. कोलकाता में 80.12 रुपये और चेन्नई में 80.42 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है.

उधर, नीति आयोग ने कहा- राज्य घटा सकते हैं शुल्क : नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि राज्य इस स्थिति में हैं कि वे पेट्रोल पर शुल्क घटा सकते हैं और उन्हें ऐसा करना चाहिए. केंद्र को ईंधन की बढ़ी कीमतों के असर से निबटने के लिए राजकोषीय उपाय करने चाहिए. कुमार ने कहा कि राज्यों और केंद्र दोनों के पास शुल्क कम करने का अधिकार है. राज्य ईंधन पर मूल्य अनुसार कर लगाते हैं, इसलिए उनके पास अधिक गुंजाइश हैं.

जीएसटी के दायरे में आया, तो आधे हो जायेंगे दाम

अभी 80 रुपये में बिकने वाले पेट्रोल को अगर जीएसटी के दायरे में लाया जाता है, तो यह 40 रुपये में मिलने लगेगा. राज्यों को इसकी बिक्री से सबसे ज्यादा कमाई होती है. अगर राज्य इसे जीएसटी के दायरे में करने पर सहमत हो जाते हैं, तो फिर पूरे देश में पेट्रोल-डीजल सस्ते हो जायेंगे.

ऐसे समझें कैसे बढ़ता है पेट्रोल का दाम

1. विदेशों से आये क्रूड ऑयल की खेप भारत की रिफाइनरीज तक पहुंचती है. एंट्री टैक्स, रिफाइनरी प्रोसेसिंग, लैंडिंग कॉस्ट एवं मार्जिन समेत अन्य ऑपरेशन कॉस्ट मिलाकर पेट्रोल पर 3.68 रुपये लागत पड़ता है.

अब पेट्रोल की कीमत

रु 30.96 + रु3.68 = ‍रु34.64

2. फिर प्रति लीटर पेट्रोल पर 3.31 रुपये ऑयल मार्केटिंग कंपनियों की मार्जिन, ढुलाई और फ्रेट कॉस्ट आती है.

यानी अब प्रति लीटर पेट्रोल

रु 34.64 + रु3.31 = रु37.95

3. अब केंद्र सरकार का एक्साइज टैक्स प्रति लीटर पेट्रोल पर 19.48 रुपये जोड़ दें, तो

पेट्रोल की कीमत

रु34.64 + रु19.48 = रु57.43

4. अब इसमें पेट्रोल पंप डीलरों का कमिशन जुड़ता है और पेट्रोल की दर हो जाती है

रु57.43 + रु3.59 = रु61.02 प्रति लीटर

-इस पर राज्य सरकारें शुल्क वसूलती हैं.

पेट्रोलियम मंत्री बोले-जल्द होगा समाधान
भुवनेश्वर में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि सरकार पेट्रोल – डीजल की बढ़ती कीमतों से निबटने के लिए ‘ तत्काल समाधान ‘ पर विचार कर रही है. उन्होंने ओड़िशा सरकार से भी अनुरोध किया किया कि वह पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट घटाये. उन्होंने कहा कि मंत्रालय पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में है, लेकिन तब तक के लिए हम किसी तत्काल समाधान पर विचार कर रहे हैं.

घटा सकते हैं 15 फीसदी तक ड्यूटी
राजीव कुमार के मुताबिक, राज्यों के लिए ड्यूटी में 10 से 15 फीसदी की कटौती अहम है और उतनी धनराशि लें जितना टैक्स रेवेन्यू बजट में तय किया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य पेट्रोल पर औसतन 27 फीसदी टैक्स वसूल रहे हैं.

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