पेट्रोल 32 पैसे व डीजल 18 पैसा महंगा, धर्मेंद्र प्रधान ने बताया मूल्यवृद्धि के तीन कारण
नयी दिल्ली : पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. आज 12वें दिन भी पेट्रोल की कीमत में 32 पैसे व डीजल की कीमत में 18 पैसे की वृद्धि हुई. पेट्रोेलियम कीमतें में हुई इस मूल्य वृद्धि से दिल्ली में पेट्रोल 77.83 रुपये प्रति लीटर, मुंबई में 85.65 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 80.47 […]
नयी दिल्ली : पेट्रोलियम उत्पाद की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं. आज 12वें दिन भी पेट्रोल की कीमत में 32 पैसे व डीजल की कीमत में 18 पैसे की वृद्धि हुई. पेट्रोेलियम कीमतें में हुई इस मूल्य वृद्धि से दिल्ली में पेट्रोल 77.83 रुपये प्रति लीटर, मुंबई में 85.65 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 80.47 रुपये प्रति लीटर व चेन्नई में 80.80 रुपये प्रति लीटर हो गया. वहीं, डीजल की कीमत दिल्ली में 68.75 रुपये, मुंबई में 73.2 रुपये, चेन्नई में 72.58 रुपये व कोलकाता में 71.30 रुपये लीटर हो गयी. इस बीच पेट्रोलियम मंंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि पेट्रोलियम मूल्य वृद्धि से जल्द आमलोगों को राहत दी जाएगी.
पेट्रोलियम कीमतों की यह मूल्य वृद्धि शुक्रवार सुबह छह बजे प्रभावी हो गयी.अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ने से घरेलू स्तर पर पेट्रोलियम की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है. इसके अलावा रुपया भी अमेरिकी डॉलर की तुलना में कमजोर हुआ है, जिससे विनिमय दर प्रभावित हुई और इसने भी पेट्रोलियम कीमतों को प्रभावित किया है.
विपक्ष पेट्रोलियम कीमतों की मूल्य वृद्धि की लगातार आलोचना कर रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस मुद्दे पर सरकार पर हमलावर हैं. सरकार भी इस मुद्दे पर गंभीर है और मूल्य नियंत्रण के लिए प्रयास करने की बात कहती रही है. सरकार इसे जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार कर रही है.
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बताये मूल्य वृद्धि के तीन कारक
इस बीच पेट्रोलियम मंंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भुवनेश्वर में कहा है कि पेट्रोलियम मूल्य वृद्धि से जल्द आमलोगों को राहत दी जाएगी. उन्होंने एक बार फिर पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाने की वकालत की और कहा कि इससे टैक्स के मामले में देश भर में एकरूपता हो जाएगी. प्रधान ने कहा कि पेट्रोलियम कीमतें अंतरराष्ट्रीय कारकों से प्रभावित होती हैं. उन्होंने बताया कि इसके तीन प्रमुख कारण हैं. एक तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक ने उत्पादन में कटौती कर दी, जिससे मूल्य में वृद्धि हो गयी है. दूसरा वेनेजुएला और ईरान में हाल के राजनीतिक घटनाक्रम के कारण वहां तेल उत्पादन में चुनौती आयी है. तीसरा डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत कम होना. उन्होंने कहा कि बिना अंतरराष्ट्रीय घटना क्रम को ध्यान में रखे अगर हम कोई निर्णय लेंगे तो 15 दिन में हालात फिर पुराने जैसे हो जाएंगे, इसलिए हम सभी कारकों पर गंभीरता से विचार कर कदम उठाएंगे. उन्होंने कहा कि हां, पेट्रोलियम की कीमतों में वृद्धि हमें चुभती है और इस पर हमारी लीडरशिपव ब्यूरोक्रेसी सोच-विचार कर रही है.
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