रेलवे स्टेशनों के Toilets में रियायती दरों पर मिलेंगे नैपकीन आैर कंडोम
नयी दिल्ली : रेल में सफर करने के दौरान महिलाआें को मासिक धर्म की वजह से कर्इ बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है. रेलगाड़ी में महिलाआें के जरूरी सामानों की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें शर्मसार भी होना पड़ जाता है, लेकिन अब घबराने या परेशान होने की जरूरत नहीं है. इसकी वजह […]
नयी दिल्ली : रेल में सफर करने के दौरान महिलाआें को मासिक धर्म की वजह से कर्इ बार परेशानियों का सामना करना पड़ता है. रेलगाड़ी में महिलाआें के जरूरी सामानों की व्यवस्था नहीं होने के कारण उन्हें शर्मसार भी होना पड़ जाता है, लेकिन अब घबराने या परेशान होने की जरूरत नहीं है. इसकी वजह यह है कि रेलवे की आेर से अब देश करीब-करीब हर रेलवे स्टेशनों के शौचालयों में रियायती दरों पर नैपकीन आैर कंडोम देने की व्यवस्था की जा रही है.
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रेलवे बोर्ड ने हाल ही में एक नयी शौचालय नीति को मंजूरी दी है, जिसके तहत अब रेलवे स्टेशनों के अंदर और बाहर बने शौचालयों में न सिर्फ यात्रियों को बल्कि आसपास के क्षेत्र के लोगों को कम दामों में कंडोम और सैनेटरी नैपकीन मुहैया कराए जायेंगे. नीति में कहा गया है कि स्टेशन परिसर के अंदर तथा बाहर शौचालयों की कमी के कारण आस पास के क्षेत्रों खासतौर पर झुग्गी बस्ती और गांवों में रहने वाले लोग अकसर खुले में शौच करते हैं, जिससे गंदगी फैलती है और इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं होती हैं.
इसमें कहा गया कि इन समस्याओं से निपटने के लिए रेलवे स्टेशन परिसरों का इस्तेमाल महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय वाला सुविधा केंद्र बनाने में करेगा. यहां मासिक धर्म से जुडी साफ-सफाई तथा गर्भनिरोधक के इस्तेमाल की जानकारी दी जायेगी. नयी नीति के अनुसार, प्रत्येक सुविधा केंद्र में कम दामों में महिलाओं को सैनेटरी नैपकीन और उसके निपटान की सुविधा तथा पुरुषों को कंडोम देने की सुविधा होगी. इस नीति के तहत प्रत्येक स्टेशन में ऐसे दो केंद्र होंगे. पहला स्टेशन के अंदर और दूसरा स्टेशन के बाहर जिससे इसका इस्तेमाल स्टेशन आने वाले और आस पास रहने वाले दोनों की प्रकार के लोग कर सके.
इसके अलावा, प्रत्येक केंद्र में महिला, पुरुष और दिव्यांग जनों के लिए अलग-अलग शौचालय होंगे. इसमें कहा गया है कि 8500 स्टेशनों पर इस प्रकार की सुविधा केंद्रों के निर्माण के लिए धन सीएसआर कोष से आयेगा.
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