नयी इलेक्ट्रॉनिक्स नीति जल्द, 1,000 अरब डालर की हो जायेगी डिजिटल अर्थव्यवस्था : रवि शंकर प्रसाद
नयी दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम एक बड़े आंदोलन के रूप में तब्दील हो गया है और सरकार इस स्थिति को और आगे बढ़ाने के लिये जल्द ही नयी इलेक्ट्रॉनिक नीति को अंतिम रूप देगी. इससे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के आकार को एक 1,000 […]
नयी दिल्ली : सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम एक बड़े आंदोलन के रूप में तब्दील हो गया है और सरकार इस स्थिति को और आगे बढ़ाने के लिये जल्द ही नयी इलेक्ट्रॉनिक नीति को अंतिम रूप देगी. इससे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था के आकार को एक 1,000 अरब डालर तक पहुंचाने के महत्वकांक्षी लक्ष्य को पूरा करने में मदद मिलेगी.
प्रसाद ने कहा, ‘हम जल्दी ही नयी इलेक्ट्रॉनिक नीति को अंतिम रूप देने जा रहे हैं… इसके पीछे विचार भारत को इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण का बड़ा केंद्र बनाना है ताकि घरेलू के साथ-साथ विदेशी बाजारों की मांगों को भी पूरा किया जा सके.’
मोदी सरकार के सत्ता में आने के चार साल पूरे होने के मौके पर बातचीत में प्रसाद ने कहा कि कल्याणकारी लाभ तथा सब्सिडी लाभार्थियों तक पहुंचाने के लिये 31 करोड़ जनधन खाते, 121 करोड़ मोबाइल तथा बायोमेट्रिक पहचान वाला आधार (जनधन-आधार-मोबाइल या जैम) की तिकड़ी से 90,000 करोड़ रुपये बचाने में मदद मिली है.
उन्होंने कहा, ‘यह भारत में डिजिटल समावेशी कदम है और अगर मैं इसकी तुलना पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बयान से करूं जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया भेजने पर लोगों के पास तक 15 पैसे पहुंचते हैं… जबकि मोदी सरकार में एक रुपये भेजा जाता है और वह बैंक खाते में पहुंचता है.’
आईटी तथा इलेक्ट्रॉनिक्स संबंधित उपलब्धियों को रेखांकित करते हुए प्रसाद ने कहा कि साझा सेवा केंद्र 83,000 ये बढ़कर 2,91,000 पर पहुंच गये है. विभिन्न राज्यों में ढाई साल में 89 बीपीओ ने काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने कहा कि देश में मोबाइल हैंडसेट का उत्पादन काफी बढ़ा है. पिछले तीन साल में मोबाइल हैंडसेट और उपकरण बनाने की लगभग 120 विनिर्माण इकाइयां देश में लगी हैं.
प्रसाद ने कहा, ‘हम इस प्रक्रिया में और तेजी लायेंगे और देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था की 1,000 अरब डालर की क्षमता को ठोस रूप देंगे.’ उन्होंने कहा, आईटी और आईटी संबंधित सेवाओं, ई-कॉमर्स, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, डिजिटल भुगतान और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में उपलब्ध अवसरों के चलते भारत अगले कुछ सालों में ही 1,000 अरब डालर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने की आकांक्षा रखता है.
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