नयी दिल्ली : कर्ज बोझ से जूझ रही रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने अपने परिचालन कर्जदाता एरिक्सन का बकाया चुकाने के लिए 500 करोड़ रुपये के अग्रिम भुगतान की पेशकश की है. एरिक्सन ने अनिल अंबानी समूह की इस कंपनी के खिलाफ दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता आदेश हासिल किया है. राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में सुनवाई के दौरान आरकॉम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने अग्रिम भुगतान का सुझाव रखा. इस पर एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायाधीश एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली पीठ ने कंपनियों से आपसी सहमति से मामले को सुलझाने को कहा.
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उन्होंने कहा कि कंपनियों की समाधान प्रक्रिया में आपको परिचालन से जुड़े कर्जदाताओं की स्थिति का पता है. आपको पांच फीसदी भी नहीं मिलेगा. आप यदि चाहते हैं, तो हम आपको निपटान के लिये समय दे सकते हैं. एरिक्सन के वकील ने कहा कि कंपनी का कुल बकाया 978 करोड़ रुपये था, जो बढ़कर 1,600 करोड़ रुपये हो गया. पीठ ने कहा कि अगर आप चाहते हैं, तो हम निपटान की अनुमति दे सकते हैं. इस मुद्दे को सुलझाने के तौर तरीके निकालें.
आरकॉम ने एनसीएलटी के आदेश पर रोक लगाने की याचिका दायर की है, जिस पर बुधवार को सुनवाई होगी. एनसीएलटी ने एरिक्सन की याचिका पर आरकॉम के खिलाफ ऋणशोधन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान सिब्बल ने कहा कंपनी पर कुल मिलाकर लगभग 46,000 करोड़ रुपये का कर्ज है. उन्होंने आगे कहा कि रिलायंस जियो ने स्पेक्ट्रम बकाये और ऋण हस्तांतरण सहित 17,000 करोड़ रुपये अग्रिम भुगतान की पेशकश की है. रिलायंस जियो कंपनी की परिसंपत्तियों को खरीद रही है.
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