नयी दिल्ली : भारत पर लगातार साइबर अटैक का खतरा मंडरा रहा है. इस मसले पर गृह सचिव राजीव गौबा ने बुधवार को कहा कि वर्तमान में साइबर अटैक भारत की प्रमुख सुरक्षा संबंधी चुनौतियों में से एक है और यह महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और वित्तीय संस्थानों के लिए गंभीर खतरे पैदा कर सकता है. फिक्की द्वारा देश की आंतरिक सुरक्षा पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए गौबा ने बुधवार को कहा कि साइबर अटैक का जवाब देने के लिए सुरक्षा एजेंसियों को साइबर हमलावरों से आगे रहना होगा और अपनी क्षमताओं एवं प्रौद्योगिकी में सुधार लाना होगा.
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उन्होंने कहा कि साइबर हमले महत्वपूर्ण सुरक्षा चुनौतियों में से एक है, जिनका देश और दुनिया आज सामना कर रही है. ये हमारे पावर ग्रिड के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं, वित्तीय संस्थानों को प्रभावित और पंगु बना सकते हैं. जिसके परिणामस्वरूप संवेदनशील जानकारियां लीक हो सकती हैं. गौबा ने कहा कि संगठनों और सरकार को अपनी क्षमताओं को बढ़ाना होगा और इसके लिए खतरों का नियमित आकलन और प्रतिक्रिया देने की क्षमता बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सामान्य तौर पर हम आकलन में अच्छा काम करते हैं, लेकिन इसे धरातल पर उतारने में मुस्तैदी नहीं दिखाते हैं, क्योंकि इसके लिए निवेश और विशेषज्ञता की जरूरत है.
गृह सचिव ने कहा कि साइबर हमलों का मुकाबला करने के लिए तेजी और चुस्ती की जरूरत है और हमलावरों से दो कदम आगे रहने के लिए उचित समायोजन और सुधार की जरूरत है. गौबा ने कहा कि साइबर हमले उचित वित्तपोषण और जुनून के साथ पहले से ज्यादा सुसंगठित और परिष्कृत हो गये हैं. हमलावर हमले के लिए सही समय और पसंद के समय का इंतजार करते हैं. उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय नियमित सुरक्षा और जोखिम मूल्यांकन करता है. गृह सचिव ने कहा कि देश के कई साइबर हमलों के तार झारखंड के जामताड़ा से जुड़े पाये गये हैं, जहां से कई हमलावर अपना नेटवर्क चलाते हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक, 2014, 2015 और 2016 में क्रमश: 9,622, 11,592 आैर 12,317 साइबर हमलों के मामले दर्ज किये गये हैं.
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