एयर इंडिया के विनिवेश के लिए किसी ने नहीं लगायी बोली
नयी दिल्ली : सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए कोई बोली नहीं मिली है. नागर विमानन मंत्रालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. एयर इंडिया की रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री में इच्छुक पार्टियों की ओर से रुचि जाहिर करने की गुरुवारको अंतिम तारीख थी. मंत्रालय ने कहा, ‘लेन-देन सलाहकार ने […]
नयी दिल्ली : सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए कोई बोली नहीं मिली है. नागर विमानन मंत्रालय ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. एयर इंडिया की रणनीतिक हिस्सेदारी बिक्री में इच्छुक पार्टियों की ओर से रुचि जाहिर करने की गुरुवारको अंतिम तारीख थी.
मंत्रालय ने कहा, ‘लेन-देन सलाहकार ने सूचित किया है कि एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिए निकाले गये रुचि पत्र (ईओआई) के लिए कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.’ बयान में कहा गया है कि इस पर आगे की कार्रवाई उचित तरीके से तय की जायेगी. ईवाई को इस प्रकिया के लिए लेन-देन सलाहकार नियुक्त किया गया था. सरकार ने राष्ट्रीय विमानन कंपनी में 76 प्रतिशत इक्विटी शेयर पूंजी की बिक्री का प्रस्ताव किया है. आरंभिक सूचना ज्ञापन के अनुसार इसके अलावा एयर इंडिया के प्रबंधन का नियंत्रण भी निजी कंपनी को दिया जायेगा. इस सौदे के तहत एयर इंडिया के अलावा उसकी कम लागतवाली इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस और एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. की भी बिक्री की जायेगी.
एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज एयर इंडिया और सिंगापुर की एसएटीएस लि. का संयुक्त उद्यम है. इससे पहले इसी महीने सरकार ने ईओआई जमा करने की तारीख को बढ़ाकर 31 मई किया था. पहले यह समयसीमा 14 मई थी. पात्र बोलीदाताओं को 15 जून तक सूचित किया जाना था. सरकार एयरलाइन में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने पास रखेगी. 28 मार्च को जारी ज्ञापन के अनुसार, बोली जीतनेवाली कंपनी को कम से कम तीन साल तक एयरलाइन में अपने निवेश को कायम रखना होगा. मार्च, 2017 के अंत तक एयरलाइन पर कुल 48,000 करोड़ रुपये का कर्ज का बोझ था.
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