नयी दिल्ली : कोकाकोला , इंफोसिस और हिल्टन समेत कई कंपनियों ने भारत में प्लास्टिक के प्रदूषण से निपटने का बीड़ा उठाया है. सरकार पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में लोगों के बीच ‘प्लास्टिक प्रदूषण को हराओ ‘ की अवधारणा पर जागरूक कर रही है. कोकाकोला के भारत और दक्षिण पश्चिमी एशिया बाजार के उपाध्यक्ष (जन संपर्क) इश्तियाक अमजद ने कहा कि हमने शपथ ली है कि 2030 तक हम बाजार में जितने उत्पाद की आपूर्ति करेंगे, उनकी पैकिंग को वापस लेकर उनका पुनर्चक्रण करेंगे.
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उन्होंने एक बयान में कहा कि कंपनी अपनी सारी पैकिंग पुनर्चक्रण करने लायक रखने को प्रतिबद्ध है. हमने इस पर भारत में कुछ साल पहले काम करना शुरू किया है और हम इसे समय से पहले पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे. कंपनी ने बताया कि उसकी बॉटलिंग सहयोगी कंपनी हिंदुस्तान कोकाकोला बेवरेजेस ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है.
कंपनी ने मुंबई और गोवा में एक पुनर्चक्रण परियोजना शुरू की है और भोपाल में एक जल्द शुरू की जायेगी. इस परियोजना को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), पर्यावरण में प्लास्टिक के लिए भारतीय केंद्र (आईसीपीई) और गैर-सरकारी संगठन स्त्री मुक्ति संगठन के साथ मिलकर लागू किया जा रहा है, ताकि उपयोग हुए प्लास्टिक से कुछ मूल्यवान पदार्थ पैदा किया जा सके और प्लास्टिक के कचरे से चक्रीय अर्थव्यवस्था को स्थापित किया जा सके.
इसी तरह, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी इंफोसिस अपने परिसर में प्लास्टिक से बने सामानों को पर्यावरण अनुकूल सामानों से बदलेगी. इसमें पानी की बोतलें, पॉलीथीन, खाने के पैकेट, बाथरूम में उपयोग किये जाने वाले सामान, कचरे के पैकेट और बिजनेस कार्ड इत्यादि शामिल हैं. इसी प्रकार, हिल्टन समूह भी 2018 के अंत तक अपने परिचालन वाले एशिया-प्रशांत क्षेत्र के होटलों में उसके यहां होने वाले सम्मेलनों इत्यादि से प्लास्टिक की पानी की बोतलें इत्यादि हटा देगा. समूह के पास 100 देशों में कुल 5,300 होटल हैं और भारत में भी उसके पास सात होटल हैं.
इसी तरह रेस्तरां बार शृंखला ‘द बीयर कैफे’ भी पांच से 12 जून के बीच उसके किसी भी बार में 500 मिलीलीटर या उससे अधिक मात्रा की खाली प्लास्टिक बोतल लाने पर ग्राहकों को छूट देगी. ग्राहकों को पांच से 10 बोतल लाने पर उनके बिल पर 10 फीसदी और 10 से 15 बोतल लाने पर 15 फीसदी की छूट दी जायेगी.
विश्व आर्थिक मंच के मुताबिक, भारत हर साल 56 लाख टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन करता है और समुद्र में फेंके जाने वाले कुल प्लास्टिक कचरे में 60 फीसदी का योगदान करता है.
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