दाहेज (गुजरात) : पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दैनिक आधार पर पेट्रोल और डीजल की कीमत निर्धारण व्यवस्था की समीक्षा से सोमवार को इनकार किया. हालांकि उन्होंने कहा कि सरकार ईंधन की कीमत से ग्राहकों पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित है और दीर्घकालीन समाधान पर काम कर रही है.
उन्होंने राज्य सरकारों से पेट्रोल और डीजल पर कर ‘उपयुक्त और जिम्मेदार’ दायरे में लगाने तथा तेल के दाम में वृद्धि से हर बार बड़ा लाभ उठाने से बचने को कहा. दीर्घकालीन अनुबंध के तहत रूस से एलएनजी की पहली खेप की प्राप्ति के मौके पर प्रधान ने कहा, ‘दैनिक आधार पर कीमत निर्धारण प्रणाली की समीक्षा नहीं होगी.’
पेट्रोल और डीजल के दाम में दैनिक आधार पर समीक्षा पिछले साल जून में शुरू की गयी. पिछले महीने अंतरराष्ट्रीय बाजारों में दाम में तेजी के कारण ईंधन की कीमतों में हर दिन वृद्धि के मद्देनजर इस व्यवस्था की आलोचना हो रही है. ऐसी अटकलें थी कि सरकार दैनिक कीमत समीक्षा व्यवस्था में उतार-चढ़ाव से निपटने के लिये दीर्घकालीन समाधान पर काम कर रही है.
प्रधान ने कहा कि ईंधन की कीमतों में पिछले पांच दिनों से गिरावट आनी शुरू हुई है लेकिन यह अब भी ऊंची बनी हुई है. पेट्रोल और डीजल की कीमत 29 मई को क्रमश : 78.43 रुपये तथा 69.31 रुपये पर पहुंच गयी जो एक रिकार्ड है. उसके बाद से भाव में कुछ नरमी आयी है. पेट्रोल के भाव में पिछले कुछ दिनों में जहां 47 पैसे की कमी आयी है वहीं डीजल में 34 पैसे की गिरावट आयी.
उससे पहले, कर्नाटक चुनाव के बाद एक पखवाड़े में दिल्ली में पेट्रोल के मूल्य में 3.64 रुपये लीटर तथा डीजल में 3.24 रुपये लीटर की बढ़ोतरी हुई थी. दिल्ली में पेट्रोल सोमवार को 77.96 रुपये तथा डीजल 68.97 रुपये लीटर है. सभी महानगरों के मुकाबले दिल्ली में ईंधन के दाम कम है. इसका कारण बिक्री कर या वैट का कम होना है. उन्होंने कहा, ‘हम दीर्घकालीन समाधान पर सोच रहे हैं. हम कीमतों को लेकर चिंतित हैं.’
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