नयी दिल्ली : भारत की सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में तीन महीने में पहली बार मई माह में गिरावटआयी. एक मासिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि नए कारोबारी ऑडरों के न बढ़ने और ईंधन की महंगाई से लागत का दबाव बढने से सेवा क्षेत्र में सुस्ती रही. हालांकि, एक अच्छी खबर यह है कि मई में कंपनियों में आशा का स्तर जनवरी 2015 के बाद से सबसे मजबूत है, जिससे आगे आने वाले समय में मांग में सुधार की उम्मीद है. सेवा क्षेत्र की गतिविधियों पर मासिक सर्वे रपट में निक्केई इंडिया सविर्सिज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स मार्च माह में गिरकर 49.6 पर रहा, जो कि एक माह पहले अप्रैल में 51.4 पर था. यह दो महीने की तेजी के बाद कारोबारी गतिविधियों में मामूली गिरावट की ओर इशारा कर रहा है.
सूचकांक के 50 से ऊपर का मतलब विस्तार से है, जबकि इससे नीचे का स्तर संकुचन को दर्शाता है. इससे पहले फरवरी में सेवा क्षेत्र 50 के स्तर से नीचे गया था. आइएचएस मार्किट की मुख्य अर्थशास्त्री और रिपोर्ट की लेखिका आशना डो धिया ने कहा, मई में सेवा क्षेत्र का प्रदर्शन निराशाजनक रहा क्योंकि इस क्षेत्र में उत्पादन तीन माह में पहली बार गिरा है. सर्वेक्षण के मुताबिक, मई में नए आर्डर में ठहराव और प्रतिस्पर्धा की स्थिति इस क्षेत्र में संकुचन का प्रमुख कारण है.
रोजगार के मोर्च पर, सेवा क्षेत्र की गतिविधियों में सुस्ती का असर श्रम बाजार पर भी दिखा और अप्रैल की तुलना में रोजगार वृद्धि में कमीआयी. अप्रैल में रोजगार वृद्धि सात वर्ष के उच्च स्तर पर थी. निक्केई कंपोजिट सूचकांक के मुताबिक, विनिर्माण और सेवा क्षेत्र की संयुक्त गतिविधियां अप्रैल में 51.9 से गिरकर मई में 50.4 पर आ गयी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.