ईंधन की बढ़ी कीमतों, व्यापार युद्ध के खतरों से एयरलाइनों का मुनाफा घटेगा : आइएटीए
सिडनी : ईंधन और अन्य लागतों में इजाफे के बावजूद वैश्विक विमानन उद्योग का सामूहिक शुद्ध लाभ 2018 में लगभग 34 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है जो इससे पिछले साल की तुलना में कम है. विमानन कंपनियों के वैश्विक संघ आइएटीए ने यह बात कही. विमानन कंपनियों के अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आइएटीए) को […]
सिडनी : ईंधन और अन्य लागतों में इजाफे के बावजूद वैश्विक विमानन उद्योग का सामूहिक शुद्ध लाभ 2018 में लगभग 34 अरब डॉलर रहने की उम्मीद है जो इससे पिछले साल की तुलना में कम है. विमानन कंपनियों के वैश्विक संघ आइएटीए ने यह बात कही. विमानन कंपनियों के अंतरराष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (आइएटीए) को उम्मीद है कि इस वर्ष विमानन कंपनियों का समूहिक शुद्ध लाभ 4.1 प्रतिशत शुद्ध मार्जिन के साथ 33.8 अरब डॉलर रहेगा जबकि पिछले वर्ष लाभ रिकार्ड 38 अरब डॉलर था. आइएटीए की सालाना आम बैठक में यहां इसकी घोषणा कीगयी. संघ के महानिदेशक और सीइओ अलेक्जेंद्र डी जुनियाक ने कहा, लागत में वृद्धि के बावजूद 2018 में मुनाफा अच्छा चल रहा है. विमानन उद्योग की वित्तीय नींव मजबूत हो रही है.
उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से ईंधन और श्रमबल की बढ़ती लगात के बावजूद उद्योग ने मजबूत प्रदर्शन किया है. हालांकि लागत मूल्य बढ़ने के कारण दिसंबर 2017 के पूर्वानुमानों को संशोधित कर कम किया गया है. दिसबंर 2017 में संगठन का अनुमान था कि इस वर्ष इस उद्योग का लाभ 38.4 अरब डॉलर रहेगा. आइएटीए के मुख्य अर्थशास्त्री ब्रायन पीयर्स ने कहा इस वर्ष निवेश कीगयी पूंजी पर रिटर्न (प्रतिफल) 8.5 प्रतिशत मिलने की उम्मीद है, जो कि 2017 के नौ प्रतिशत से कम है. भारत समेत एशिया-प्रशांत क्षेत्र की एयरलाइनों को पिछले वर्ष माल ढुलाई में तेज वृद्धि का लाभ हुआ था क्योंकि यह क्षेत्र दुनिया का विनिर्माण केंद्र बन कर उभर रहा है. पिछले वर्ष इस क्षेत्र ने 10.1 अरब डॉलर का लाभ अर्जित किया था. इस वर्ष इस क्षेत्र की एयरलाइन कंपनियों को 8.2 अरब डॉलर का लाभ होने का अनुमान है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.