RBI एमपीसी मीटिंग : अगस्त तक रेपो रेट Unchnaged रहने के आसार

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक दूसरे दिन भी जारी रही. इस बीच, अटकलें लगायी जा रही है कि केंद्रीय बैंक कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से प्रेरित मुद्रास्फीति को काबू करने के लिए प्रमुख नीतिगत दरों में वृद्धि से पहले अगस्त तक इंतजार कर सकता है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 5, 2018 7:01 PM

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की समीक्षा बैठक दूसरे दिन भी जारी रही. इस बीच, अटकलें लगायी जा रही है कि केंद्रीय बैंक कच्चे तेल की ऊंची कीमतों से प्रेरित मुद्रास्फीति को काबू करने के लिए प्रमुख नीतिगत दरों में वृद्धि से पहले अगस्त तक इंतजार कर सकता है.

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आरबीआई के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में छह सदस्यीय एमपीसी की बैठक तीन दिन चलेगी. आमतौर पर यह बैठक दो दिन होती है, लेकिन प्रशासनिक अनिवार्यताओं के चलते पहली बार एमपीसी की बैठक तीन दिन चलेगी. यह चालू वित्त वर्ष (2018-19) की दूसरी मौद्रिक समीक्षा बैठक है. इसके नतीजे बुधवार को दोपहर को सार्वजनिक होंगे.

रिजर्व बैंक ने इससे पहले जनवरी, 2014 में नीतिगत दर को बढ़ाकर आठ फीसदी किया था. तब से इसमें या तो कमी की गयी या फिर इसे स्थिर रखा गया. फिलहाल, प्रमुख नीतिगत दर रेपो छह फीसदी पर है. ब्रोकर फर्म कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा कि हमें 2018-19 में नीतिगत दर में 50 आधार अंक यानी 0.5 फीसदी की उम्मीद है. ऐसा अगस्त और अक्तूबर में संभव है, लेकिन जून में नीतिगत दरों में वृद्धि की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए हमारा मानना है कि जून बैठक में एमपीसी के वोट संतुलित रह सकते हैं.

समाप्त वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 7.7 फीसदी रहने और इस साल मॉनसून सामान्य रहने की भविष्यवाणी होने के बाद से रिजर्व बैंक की प्रमुख नीतिगत दर में कटौती को लेकर जो जोरदार मांग उठायी जाती रही है, वह सुस्त पड़ गयी. रिजर्व बैंक के लिए खुदरा मुद्रास्फीति काफी अहम आंकड़ा है. नवंबर, 2017 के बाद से यह चार फीसदी से ऊपर बना हुआ है. इसके अलावा, कच्चे तेल के दाम भी बढ़ रहे हैं. दिल्ली में पेट्रोल का दाम 77.83 रुपये और डीजल का दाम 68.88 रुपये लीटर पर पहुंच गया.

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