Facebook के साथ गुप्त समझौता कर कुछ कंपनियों ने भिड़ाया डाटा उड़ाने का जुगाड़
वाशिंगटन : एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक ने कुछ कंपनियों के साथ कतिपय गोपनीय समझौते किये, जिससे उन्हें उसके उपभोक्ताओं से जुड़े रिकॉर्ड तक विशेष पहुंच मिली. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ समझौतों से कुछ कंपनियों को किसी फेसबुक उपभोक्ता के दोस्तों के बारे में अतिरिक्त जानकारी […]
वाशिंगटन : एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक ने कुछ कंपनियों के साथ कतिपय गोपनीय समझौते किये, जिससे उन्हें उसके उपभोक्ताओं से जुड़े रिकॉर्ड तक विशेष पहुंच मिली. वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट के अनुसार, कुछ समझौतों से कुछ कंपनियों को किसी फेसबुक उपभोक्ता के दोस्तों के बारे में अतिरिक्त जानकारी हासिल करने की अनुमति मिली.
इसे भी पढ़ें : डाटा विवाद : फेसबुक प्रमुख जुकरबर्ग को ब्रिटेन की संसदीय समिति ने किया तलब
अखबार ने जानकार सूत्रों के हवाले से कहा है कि इस सूचना में फोन नंबर तथा ‘फ्रेंड लिंक’ जैसा एक मानक शामिल है, जिससे किसी उपभोक्ता और उसके नेटवर्क के अन्य लोगों के बीच निकटता को ‘आंका’ जाता है. इस खबर में किसी सूत्र की पहचान उजागर नहीं की गयी है. इसमें कहा गया है कि रॉयल बैंक ऑफ कनाडा तथा निसान मोटर कंपनी जैसी कंपनियों के साथ इस तरह के सौदे किये गये. ये कंपनियां या तो फेसबुक पर विज्ञापन देती हैं या अन्य कारणों से ‘मूल्यवान’ हैं.
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आयी, जब फेसबुक कम से कम 60 मोबाइल व अन्य उपकरण विनिर्माताओं के साथ डेटा शेयर भागीदारी को लेकर पहले ही विवाद में है. कंपनी का कहना है कि उसने ‘थोड़े’ से भागीदारों को ही उपभोक्ता के दोस्तों की जानकारी पाने की अनुमति दी. डेटा 2015 में डेवल्परों के लिए बंद कर दिया गया. इसके अनेक विस्तार हफ्तों व महीनों तक चलते रहे. कंपनी के उपाध्यक्ष (उत्पाद भागीदारी) इमे आर्चिबोंग ने अखबार के साथ बातचीत में स्वीकार किया कि कुछ कंपनियों को इस बारे में मई 2015 के बाद भी ‘पहुंच की अनुमति’ दी गयी.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.