मुंबई : अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दर बढ़ाने के निर्णय तथा इसमें आगे और वृद्धि किये जाने की संभावनाओं के बीच गुरुवार को स्थानीय शेयर बाजार में बिकवाली का जोर तेज हो गया और तीन दिन से चल आ रही तेजी का सिलसिला टूट गया. बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 139 अंक टूटकर 35,599.82 अंक पर बंद हुआ.
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ब्रोकरों ने कहा कि थोक मुद्रास्फीति के बढ़कर 14 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचने से भी बाजार की धारणा प्रभावित हुई. मई में थोक मुद्रास्फीति 4.43 फीसदी पर पहुंच गयी. बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स ने अच्छी शुरुआती की और बढ़कर 35,749.88 अंक के उच्च स्तर पर पहुंच गया. हालांकि, एशियाई बाजारों में कमजोर रुख से जल्द ही यह नीचे आ गया.
कारोबार की समाप्ति पर सेंसेक्स बुधवार के मुकाबले 139.34 अंक यानी 0.39 फीसदी गिरकर 35,599.82 अंक पर बंद हुआ. पिछले तीन कारोबारी दिनों में सेंसेक्स में 295.49 अंक की तेजी रही थी. इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 48.65 अंक यानी 0.45 फीसदी लुढ़ककर 10,808.05 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 10,773.55 से 10,833.70 अंक के दायरे में रहा.
अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा बुधवार को ब्याज दर में 0.25 फीसदी की वृद्धि करने के बाद निवेशकों ने सतर्कता बरती. यह इस साल ब्याज दर में दूसरी बढ़ोतरी है. फेडरल रिजर्व ने इस साल दो और बार तथा अगले साल चार बार ब्याज दर बढ़ाने के संकेत दिये हैं. निवेशक यूरोपीय केंद्रीय बैंक की नीतिगत दर पर फैसले का भी इंतजार कर रहे हैं. इस बीच, अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफलियो निवेशकों (एफपीआई) ने बुधवार को 70.77 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिक्री की, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 486.78 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध लिवाली की.
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