कई सरकारी और निजी बैंकों ने कर्ज किया महंगा
मुंबई : आरबीआइ के रेपो रेट बढ़ाने के करीब 15 दिन बाद कई और बैंकों ने लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. इनमें सरकारी और निजी दोनों तरह के बैंक शामिल हैं. इससे पहले रेपो रेट में बढ़ोतरी का एलान के ठीक बाद कई बैंकों ने लोन महंगा कर दिया था. इकोनॉमिक टाइम्स के […]
मुंबई : आरबीआइ के रेपो रेट बढ़ाने के करीब 15 दिन बाद कई और बैंकों ने लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. इनमें सरकारी और निजी दोनों तरह के बैंक शामिल हैं. इससे पहले रेपो रेट में बढ़ोतरी का एलान के ठीक बाद कई बैंकों ने लोन महंगा कर दिया था. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक एक्सिस बैंक ने एक साल के मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग (एमसीएलआर) 8.5 फीसदी से बढ़ाकर 8.6 फीसदी कर दी. एक्सिस बैंक निजी क्षेत्र के बड़े बैंकों में से एक है.
सिंडिकेट बैंक ने एक साल के अपने एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया था. कुछ दिन पहले सरकारी क्षेत्र के आंध्रा बैंक ने भी एमसीएलआर आधारित कर्ज की दरें पांच बेसिस प्वाइंट्स बढ़ाकर 8.55 फीसदी कर दिया. उधर, आइडीबीआइ बैंक ने टर्म डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. यह वृद्धि 18 जून से लागू हो गयी.
अब एक साल से दो साल तक के जमा पर बैंक ब्याज दर 6.7 फीसदी हो गयी हैं. पहले यह 6.5 फीसदी थी. उधर, डिपॉजिट के मुकाबले लोन की ज्यादा ग्रोथ को देखते हुए बजाज फाइनेंस सहित कई नॉन-बैंकिंग कंपनियों (एनबीएफसी) ने डिपॉजिट पर ब्याज दरें बढ़ा दी हैं. इक्रा के मुताबिक वित्त वर्ष 2019 में रिटेल ग्राहकों पर फोकस करनेवाली एनबीएफसी को नये लोन देने के लिए 3.8 से चार लाख करोड़ रुपये की जरूरत होगी. अगले साल एनबीएफसी की पोर्टफोलियो ग्रोथ करीब 20 फीसदी रहने की उम्मीद है.
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