सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों के प्रमुख मंगलवार को संसदीय समिति के सामने पेश होंगे
वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली समिति एनपीए व अन्य दिक्कतों पर कर रही है विचार नयी दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों के प्रमुख अगले सप्ताह एक संसदीय समिति के समक्ष हाजिर होंगे और बढ़ते फंसे कर्ज तथा धोखाधड़ी के मामलों से उसे अवगत करवाएंगे. सूत्रों ने बताया कि वित्त पर संसद की स्थायी समिति […]
वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली समिति एनपीए व अन्य दिक्कतों पर कर रही है विचार
नयी दिल्ली: सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों के प्रमुख अगले सप्ताह एक संसदीय समिति के समक्ष हाजिर होंगे और बढ़ते फंसे कर्ज तथा धोखाधड़ी के मामलों से उसे अवगत करवाएंगे. सूत्रों ने बताया कि वित्त पर संसद की स्थायी समिति की बैठक मंगलवार को होगी. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एम वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली यह समिति ‘देश के बैंकिंग क्षेत्र व बैंकों के सामने एनपीए सहित अन्य दिक्कतों’ के मुद्दों पर विचार कर रही है. उन्होंने कहा कि आइअडीबीआइ बैंक, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक आफ इंडिया, बैंक आफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, देना बैंक, आरियंटल बैंक आफ कॉमर्स, बैंक आफ महाराष्ट्र, यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया, काॅरपोरेशन बैंक व इलाहाबाद बैंक के आला अधिकारी 26 जून को इस समिति के समक्ष पेश होंगे तथा सवालों का जवाब देंगे.
देश का बैंकिंग क्षेत्र इस समय बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की समस्या का सामना कर रहा है जो कि दिसंबर 2017 के आखिर में कुल अग्रिमों का 8.99 लाख करोड़ रुपये या 10.11 प्रतिशत होगयीं. इस कुल सकल एनपीए में सार्वजनिक क्षेत्र बैंकों का हिस्सा 7.77 लाख करोड़ रुपये का है. इसी तरह धोखाधड़ी के बढ़ते मामले भी बैंकिंग क्षेत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गए हैं.
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