विदेश मंत्रालय ने मालदीव को जरूरी वस्तुओं के निर्यात में कटौती की खबरों को बताया भ्रामक
नयी दिल्ली : भारत ने उन मीडिया रिपोर्टों को भ्रामक करार दिया है, जिनमें कहा गया है कि उसने मालदीव को आवश्यक वस्तुओं के निर्यात में कमी की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि आवश्यकताओं की गणना अतीत में वास्तविक उपयोग के आधार पर की गयी है और यह दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक समझौते […]
नयी दिल्ली : भारत ने उन मीडिया रिपोर्टों को भ्रामक करार दिया है, जिनमें कहा गया है कि उसने मालदीव को आवश्यक वस्तुओं के निर्यात में कमी की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि आवश्यकताओं की गणना अतीत में वास्तविक उपयोग के आधार पर की गयी है और यह दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक समझौते के अनुरूप है. मीडिया में आयी रिपोर्टों में कहा गया था कि भारत ने मालदीव आलू और प्याज जैसी कुछ आवश्यक वस्तुओं का निर्यात कम कर दिया है.
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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में खिंचाव के बीच आयी मीडिया की इस आशय की खबरों पर प्रतिक्रिया में कहा कि भारत दोनों देशों की जनता के बीच मजबूत संबंधों को लेकर प्रतिबद्ध है और यह सुनिश्चित करेगा कि मालदीव की जनता को किसी भी तरह की कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़े. कुमार ने कहा कि इस तरह की रिपोर्टें भ्रामक हैं, जिसमें विदेशी कारोबार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा जारी हाल की अधिसूचना पर जोर दिया गया है.
उन्होंने कहा कि आवश्यकताओं की गणना हाल के समय में हुए वास्तविक उपयोग के आधार पर की गयी है और यह 1981 में भारत एवं मालदीव के बीच हुए व्यापार समझौते पक्षों के बीच व्यापारिक समझौते की व्यवस्था के अनुरूप है. भारत और मालदीव के संबंधों में तल्खी उस समय बढ़ी, जब भारत ने अब्दुल्ला यामीन सरकार द्वारा 45 दिन के आपातकाल की घोषणा की आलोचना की थी. वहीं, मालदीव की चीन से नजदीकी को भी भारत के लिए एक चिंता के रूप में देखा जा रहा है.
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