नयी दिल्ली : दुनिया भर की कंपनियां 12 सालों में सबसे अधिक प्रतिभाओं की कमी का सामना कर रही हैं और भारत इससे प्रभावित होने वाले शीर्ष 10 देशों में शुमार है. भारत में 56 फीसदी कंपनियों को रिक्त पदों को भरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है.
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मैनपावर समूह के हालिया प्रतीभा की कमी से संबंधित सर्वेक्षण के अनुसार, दुनियाभर की करीब 40,000 कंपनियों को सर्वेक्षण में शामिल किया गया. इसमें से 45 फीसदी कंपनियों को नौकरियों को भरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. समूह के चेयरमैन और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जोनास प्रेजिंग ने कहा कि दुनियाभर में प्रतिभाओं की भारी कमी के बीच सवाल प्रतिभा खोजने का नहीं, बल्कि प्रतिभा का निर्माण करने का है.
उन्होंने कहा कि संगठनों को कर्मचारियों को फिर से कुशल बनाने और उनकी प्रतिभा को बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए, ताकि कंपनियां काम के इस नये माहौल में टिक सके और लोगों के पास लंबे समय के लिए रोजगार सुरक्षा हो. प्रतिभा की कमी के मामले में दुनिया भर में सबसे ज्यादा प्रभावित देश जापान है, यहां 89 फीसदी कंपनियों का मानना है कि उन्हें पदों को भरने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
इसके बाद रोमानिया (81 फीसदी) और ताइवान (78 फीसदी) का स्थान है. प्रतिभाओं की कमी का सामना कर रहे शीर्ष 10 देशों में हांगकांग (76 फीसदी), बुलगारिया (68 फीसदी), तुर्की (66 फीसदी), यूनान (61 फीसदी), सिंगापुर (56 फीसदी) और स्लोवाकिया (54 फीसदी) है.
सर्वेक्षण में कहा गया है कि जैसे-जैसे कंपनियां डिजिटल और बदलाव की ओर बढ़ रही हैं, सही तकनीकी कौशल वाले उम्मीदवार की तलाश करना उनके लिए और महत्वपूर्ण हो गया है. इस बीच प्रतिभाओं की कमी का सबसे कम सामना चीन को करना पड़ रहा है. यहां केवल 13 फीसदी कंपनियों ने प्रतिभा की कमी की बात कही.
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