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Flipkart से मंगाया हेडफोन, मिली BJP की सदस्यता; जानें

कोलकाता : इन दिनों पूरी दुनिया में फीफा फुटबॉल व‌र्ल्ड कप का खुमार छाया हुआ हैऔर पश्चिम बंगाल में फुटबॉल को लेकर दीवानगी किसी से छिपी नहीं है. फुटबॉल की इसी खुमारी पर सवार एक फुटबॉलफैन को ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट फ्लिपकार्ट ने बड़ा झटका दे डाला. दरअसल, इस युवा फैन ने फ्लिपकार्ट पर दो हेडफोन्स […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2018 1:01 PM

कोलकाता : इन दिनों पूरी दुनिया में फीफा फुटबॉल व‌र्ल्ड कप का खुमार छाया हुआ हैऔर पश्चिम बंगाल में फुटबॉल को लेकर दीवानगी किसी से छिपी नहीं है. फुटबॉल की इसी खुमारी पर सवार एक फुटबॉलफैन को ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट फ्लिपकार्ट ने बड़ा झटका दे डाला.

दरअसल, इस युवा फैन ने फ्लिपकार्ट पर दो हेडफोन्स के लिए ऑर्डर किया, ताकि देर रात तक मैच देखते हुए परिवार वालों को दिक्कत न हो. जब फ्लिपकार्ट का पैकेट आया, तो उसमें हेडफोन की जगह तेल की शीशी निकली.

इसके बाद उसने गुस्से में फ्लिपकार्ट को शिकायत के लिए पैकेट पर छपे नंबर पर कॉल किया, लेकिन फोन एक रिंग के बाद कट गया. वह दूसरी बार फोन लगाने ही जा रहा था कि एक मैसेज आया. इसकी शुरुआत में लिखा था ‘वेलकम टू बीजेपी’, मतलब भाजपा में आपका स्वागत है.

इस मैसेज में प्राइमरी मेंबरशिप नंबर भी लिखा था और आगे की प्रक्रिया पूरी करने के लिए अगले स्टेप को फॉलो करने का निर्देश दिया गया था.

इसके बाद उसने अपने दोस्तों को भी नंबर दिया और उन्हें भी फोन करने पर यही मैसेज मिले. इससे उसे आभास हुआ कि दिया गया नंबरभाजपा का है.

बाद में युवक ने फ्लिपकार्ट का सही हेल्पलाइन नंबर जुगाड़ किया, जिस पर उसने अपनी शिकायत दर्ज करायी. इसके बाद कंपनी ने कस्टमर से माफी मांगी और उसका ऑर्डर किया गया हेडफोन भिजवाया.

फ्लिपकार्ट से हमारा कोई संबंध नहीं : पश्चिम बंगाल भाजपा

मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक, इस मामले में पश्चिम बंगाल भाजपा ने फ्लिपकार्ट से किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है. पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि बीजेपी का नंबर वेबसाइट और फेसबुक समेत तमाम जगहों पर है. कोई भी इसे शेयर कर सकता है. यह हमारी जिम्मेदारी नहीं है.

यह कहना है फ्लिपकार्ट का

इस पूरे घटनाक्रम पर फ्लिपकार्ट ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उसने यह नंबर तीन साल पहले छोड़ दिया था. हालांकि यह पैकिंग के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले टेप परछपाहुआ था. कुछ टेप अब भी इस्तेमाल में हैं. कंपनी ने कहा कि ऐसा संभव है कि सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ने यह नंबर दोबारा अलॉट कर दिया हो, क्योंकि अक्सर कंपनियां किसी नंबर के 6 महीने तक इस्तेमाल में न होने पर उसे दूसरे कस्टमर को अलॉट कर देते हैं.

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