वाशिंगटन : अमेरिका उन देशों के साथ काम करने की तैयारी में है, जो ईरान से तेल आयात को घटा रहे हैं, लेकिन फैसला देर से किया जायेगा. इसमें खास यह है कि ईरान पर दबाव बनाने के फेर में भारत और तुर्की जैसे देशों को इस तरह की छूट नहीं मिलेगी, क्योंकि इससे ईरान पर प्रतिबंधों का दबाव कम हो जायेगा. राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप की सरकार में एक वरिष्ठ अधिकारी ब्रायन हुक ने यह जानकारी दी. हुक विदेश मंत्रालय में नीति निर्माता के निदेशक हैं.
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उन्होंने पत्रकारों के साथ एक प्रेस वार्ता में कहा कि हम किसी तरह के लाइसेंस और छूट देने पर विचार नहीं कर रहे हैं. ऐसा करने से ईरान पर दबाव कम होगा, जबकि यह अभियान (प्रतिबंध) उस पर दबाव बनाने के लिए है. इस समय भारत को कच्चा तेल उपलब्ध कराने वाला ईरान तीसरा सबसे बड़ा देश है. भारत ने अप्रैल, 2017 से जनवरी, 2018 के बीच ईरान से 1.84 करोड़ टन कच्चे तेल का आयात किया.
पिछले महीने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ 2015 में हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अपने को अलग कर लिया और ईरान पर फिर से अमेरिकी प्रतिबंध लगा दिये हैं. ट्रंप सरकार ने ईरान की तेल कंपनियों के साथ काम करने वाली विदेशी कंपनियों को 90 या 180 दिन का समय दिया है कि वह अपने कारोबार को उसके साथ कम कर दें. अब अमेरिका चीन और भारत जैसे देशों समेत सभी पर दबाव बना रहा है कि वह चार नवंबर तक ईरान से तेल खरीदना पूरी तरह बंद कर दे.
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