नयी दिल्ली: वित्त मंत्री पीयूष गोयलआज बैंक प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे. बैठक में ‘ सशक्त परियोजना ‘ पर विचार किया जायेगा. ‘सशक्त परियोजना’ में बैंकिंग प्रणाली में फंसे कर्ज के समाधान में तेजी लाने के लिए अंतर – कर्जदाता ढांचे के बारे में सुझाव दिया गया है. सूत्रों ने बताया कि बैठक में बैंकिंग क्षेत्र की ‘सशक्त परियोजना’ में सुझाये गये अंतर – कर्जदाता समझौते के ढांचे को औपचारिक रूप दिया जा सकता है. बैठक का आयोजन भारतीय बैंक संघ (आइबीए) ने किया है.
अंतर – कर्जदाता समझौता एक तरह की रूपरेखा होगी जिसके तहत यह समूह बैंकों के फंसे कर्ज के मामलों को देखेगा और उनके समाधान में तेजी लायेगा. कर्जदाता बैंकों के बीच होने वाले इस समझौते में जो रूपरेखा तैयार होगी उसमें लीड बैंक को इसके लिए अधिकृत किया जायेगा कि वह 180 दिन में समाधान योजना का क्रियान्वयन करे.
रूपरेखा ढांचे के मुताबिक आइबीए द्वारा नियुक्त की गयी स्वतंत्र विशेषज्ञों की जांच समिति 30 दिन के भीतर वैध प्रक्रिया की पुष्टि करेगी और यदि कर्जदाताओं को कर्ज का 66 प्रतिशत प्राप्त होता है तो वह एनसीएलटी प्रक्रिया के तहत समाधान प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की अनुमति देते हैं. एक बार समाधान प्रक्रिया की मंजूरी मिलने के बाद लीड बैंक योजना के क्रियान्वयन के लिये जवाबदेह होगा.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.