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ब्रिटेन के हाईकोर्ट से माल्या को झटका, लंदन के घर में तलाशी की मिली अनुमति

लंदन : भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग चुके शराब कारोबारी विजय माल्या को वहां के एक हाईकोर्ट से करारा झटका है. वहां के एक हाईकोर्ट ने ने शराब कारोबारी विजय माल्या से बकाये की वसूली का प्रयास कर रहे भारत के 13 बैंकों के गठजोड़ के पक्ष में निर्णय लागू कराने के लिए प्रवर्तन का आदेश […]

लंदन : भारत छोड़कर ब्रिटेन भाग चुके शराब कारोबारी विजय माल्या को वहां के एक हाईकोर्ट से करारा झटका है. वहां के एक हाईकोर्ट ने ने शराब कारोबारी विजय माल्या से बकाये की वसूली का प्रयास कर रहे भारत के 13 बैंकों के गठजोड़ के पक्ष में निर्णय लागू कराने के लिए प्रवर्तन का आदेश जारी किया है. माल्या पर बैंकों के साथ कर्ज में 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग का आरोप है और वह अपने को भारत को सौंपे जाने की भारतीय एजेंसियों की ओर से दाखिल अर्जी का विरोध कर रहे हैं.

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इस आदेश के तहत ब्रिटेन हाईकोर्ट के प्रवर्तन अधिकारी को माल्या (62) की लंदन के पास हर्टफोर्डशायर में संपत्तियों में प्रवेश की अनुमति दी गयी है. इसके तहत अधिकारी और उसके एजेंट को ब्रिटेन के वेलविन इलाके में तेविन नामक स्थान पर लेडीवॉक और ब्रैंबल लॉज में उनके ठिकानों में प्रवेश की अनुमति होगी. माल्या इस समय वहीं पर रह रहे हैं. एजेंटों को बल प्रयोग का भी अधिकार होगा.

हालांकि, अदालत के आदेश में यह कहा गया है कि यह प्रवेश का निर्देश नहीं है. इसका मतलब है कि बैंकों के लिए यह एक साधन है, जिसका इस्तेमाल वे करीब 1.14 अरब पाउंड की वसूली के लिए कर सकते हैं. इसमें कहा गया है कि हाईकोर्ट का प्रवर्तन अधिकारी या उसके तहत कोई प्रवर्तन एजेंट जरूरी होने पर संपत्ति में प्रवेश के लिए पर्याप्त बल का इस्तेमाल कर सकते हैं.

उधर, बेंगलुरु पुलिस ने दिल्ली की एक अदालत से गुरुवार को कहा कि उसने शराब कारोबारी विजय माल्या की 159 संपत्तियों की पहचान की है, लेकिन फेरा उल्लंघन से संबंधित प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उसके खिलाफ दर्ज धनशोधन मामले में पुलिस इनमें से कोई संपत्ति कुर्क नहीं कर पायी है. बेंगलुरु पुलिस ने ईडी के जरिये मुख्य मेट्रोपालिटन मजिस्ट्रेट दीपक सहरावत को बताया कि वह माल्या की संपत्ति कुर्क नहीं कर पायी है, क्योंकि इनमें से कुछ को मुंबई क्षेत्र के ईडी ने कुर्क कर लिया है और शेष संपत्ति परिसमापन की प्रक्रिया का हिस्सा हैं.

इस मामले में सम्मन से बचने के कारण अदालत ने चार जनवरी को माल्या को भगोड़ा घोषित कर दिया था. ईडी के विशेष लोक अभियोजक एनके मट्टा ने अदालत को बताया कि एजेंसी को माल्या की ऐसी अन्य संपत्तियों को पहचान करने के लिए अधिक समय चाहिए, जिन्हें कुर्क किया जा सकता है. अदालत ने एजेंसी के अनुरोध को मान लिया और बेंगलुरु पुलिस को निर्देश दिया कि वह 11 अक्तूबर तक नयी रिपोर्ट दाखिल करे.

मट्टा ने कहा कि बेंगलुरु पुलिस ने कुर्की आदेश को तामील करने के लिए यूनाइटेड ब्रेवरीज के कानूनी सलाहकार से संपर्क किया था. यह आदेश अदालत ने मई में दिया था. कानूनी सलाहकार ने बताया कि ईडी मुंबई ने इनमें से कुछ संपत्ति जब्त कर ली है तथा अन्य संपत्ति कर्नाटक हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त किये गये आधिकारिक परिसमापक (लिक्वीडेटर) के तहत हैं.

अदालत ने आठ मई को मामले में बेंगलुरु पुलिस आयुक्त के जरिये माल्या की संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिये थे और उनसे रिपोर्ट तलब की थी. अदालत ने फेरा उल्लंघन के तहत सम्मन से बचने के कारण माल्या को भगोड़ा घोषित कर दिया, क्योंकि वह कई बार सम्मन जारी करने के बावजूद पेश नहीं हुआ. अदालत ने पिछले साल शराब व्यवसायी के खिलाफ ऐसा गैर-जमानती वारंट जारी किया था, जिसके तामील करने की कोई समय सीमा नहीं होती. माल्या मार्च, 2016 में ब्रिटेन भाग गया था. वह किंगफिशर एयरलाइंस पर करीब 9000 करोड़ रूपये के ऋण बकाया तथा अन्य मामलों में भी वांछित है.

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