नयी दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन के मामले में शुक्रवार को नवीन जिंदल को दोहरा झटका लगा, जब एक विशेष अदालत ने यहां उनके खिलाफ दर्ज सीबीआई के मामले में रिश्वत के लिए उकसाने का अतिरिक्त आरोप तय किया और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के लिए आरोपपत्र दायर किया. ईडी ने कथित धनशोधन के लिए जिंदल और 14 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया. विशेष न्यायाधीश भरत पाराशर ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ 16 अगस्त को औपचारिक तौर पर आरोप तय किये जायेंगे.
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यह मामला झारखंड के अमरकोंडा मुर्गदंगल कोयला ब्लॉक आवंटन से जुड़ा हुआ है. ईडी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में आरोप लगाया कि जिंदल की फर्म जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता तथा अन्य ने दो करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश करके कोयला ब्लॉक आवंटित करने के लिए स्क्रीनिंग कमेटी को प्रभावित किया. अदालत इस आरोपपत्र पर 14 अगस्त को विचार करेगी.
इससे पहले, शुक्रवार को अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं के संबंध में जिंदल के खिलाफ रिश्वत के लिए उकसाने का अतिरिक्त आरोप लगाने का आदेश दिया. अदालत ने अप्रैल 2016 में जिंदल, पूर्व कोयला राज्य मंत्री दसारी नारायण राव, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और अन्य 11 के खिलाफ भादंसं और भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत आपराधिक षडयंत्र, धोखाधड़ी के लिए आरोप तय करने के आदेश दिये थे.
हालांकि, उस वक्त भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 12 के तहत आरोप नहीं तय किया गया था. शुक्रवार के आदेश में अदालत ने कहा कि राव के खिलाफ घूसखोरी का आरोप था, लेकिन चूंकि अब वह जीवित नहीं हैं, तो उनके खिलाफ आरोप तय नहीं किया जायेगा. अदालत ने जिंदल स्टील के तत्कालीन सलाहकार आनंद गोयल, निहार स्टॉक्स लिमिटेड के निदेशक बीएसएन सूर्यनारायण और मुंबई की एस्सार पावर लिमिटेड के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुशील कुमार मारु के खिलाफ धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र) लगाने का भी आदेश दिया है. इन तीनों को इस मामले में तैयार एक अलग आरोपपत्र में नामजद किया गया था.
अदालत ने मुंबई के केई इंटरनेशनल के मुख्य वित्तीय अधिकारी राजीव अग्रवाल और गुड़गांव के ग्रीन इंफ्रा के उपाध्यक्ष सिद्धार्थ माद्रा को सबूतों के अभाव में मामले से आरोपमुक्त कर दिया. आरोपों पर बहस करते हुए सीबीआई के उप विधिक सलाहकार वीके शर्मा ने अदालत को बताया कि जिंदल के खिलाफ अधिनियम की धारा सात और धारा 12 के तहत मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. सीबीआई का आरोप था कि कोड़ा ने अमरकोंडा मुर्गदंगल ब्लॉक के आवंटन के लिए जिंदल समूह की कंपनियों-स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) और गगन स्पंज आयरन प्राइवेट लिमिटेड (जीएसआईपीएल) को लाभ पहुंचाया था.
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