नयी दिल्ली : केंद्र ने कैंब्रिज एनालिटिका को लोगों की निजी सूचनाएं उपलब्ध कराने से जुड़े विवाद में सोशल मीडिया नेटवर्क फेसबुक से भारत सरकार के नोटिस पर जो जवाब दिया है, सरकार ने उसकी प्रति के लिए सूचना के अधिकार कानून के तहत आवेदन को नामंजूर कर दिया है. सरकार ने कहा कि फेसबुक ने गोपनीयता की शर्त के साथ उसे वह जवाब दिया है. पीटीआई भाषा ने उस जवाब के बारे में सरकार से सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत आवेदन लगा कर जानकारी मांगी थी. पर इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा, ‘प्राप्त प्रतिक्रिया को साझा नहीं किया जा सकता क्योंकि कंपनियों ने गोपनीयता की शर्त के साथ अपना जवाब भेजा है.’
सरकार की ओर जवाब में कहा गया कि कंपनी ने अपने पत्र में दी गयी सूचनाओं को गोपनीय मानने का आग्रह किया है और कहा है कि उसने उसे आधिकारिक प्रयोग के लिए दिया है. आरटीआई के जरिए मंत्रालय से फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका को भेजे गये नोटिस के जवाब की प्रतिलिपि मांगी गयी थी. फेसबुक ने सरकार के नोटिस की प्रतिक्रिया में कहा था कि भारत के महज 335 लोग ही एक एप इंस्टॉल करने से प्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित हुए तथा इन उपभोक्ताओं के साथ मित्र होने को लेकर 5,62,120 लोग इससे आंशिक तौर पर प्रभावित हुए.
उपयोक्ताओं की जानकारियों के दुरुपयोग जैसी घटना को आगे रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदम के बारे में पूछे जाने पर मंत्रालय ने कहा कि उसने देश में सूचना संरक्षण रूपरेखा तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है. आरटीआई आवेदन के जवाब में मंत्रालय ने कहा, ‘यह एक जारी प्रयास है. सरकार ने देश में सूचना संरक्षण रूपरेखा तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित की है और इसकी रिपोर्ट जल्द ही आने की संभावना है.’
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