पवन हंस हेलीकॉप्टर कंपनी की 49 फीसदी बिकेगी हिस्सेदारी, ओएनजीसी बोर्ड की मिली मंजूरी
नयी दिल्ली/मुंबई : सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी के निदेशक मंडल ने हेलीकॉप्टर सेवा देने वाली कंपनी पवन हंस में अपनी 49 फीसदी की पूरी हिस्सेदारी बेचने के फैसले को मंजूरी दे दी है. इस घटनाक्रम से सीधे जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यह कंपनी के अपने मूल कारोबार के लिए संसाधनों को एकीकृत करने […]
नयी दिल्ली/मुंबई : सार्वजनिक क्षेत्र की ओएनजीसी के निदेशक मंडल ने हेलीकॉप्टर सेवा देने वाली कंपनी पवन हंस में अपनी 49 फीसदी की पूरी हिस्सेदारी बेचने के फैसले को मंजूरी दे दी है. इस घटनाक्रम से सीधे जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि यह कंपनी के अपने मूल कारोबार के लिए संसाधनों को एकीकृत करने और ऋण का बोझ घटाने की प्रक्रिया का हिस्सा है.
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अधिकारी ने बताया कि कंपनी चाहती है कि उसकी हिस्सेदारी बिक्री को पवन हंस में सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी के साथ जोड़ दिया जाए. सरकार ने पहले ही अपनी हिस्सेदारी बिक्री को बेचने का प्रस्ताव किया हुआ है. विनिवेश एवं सार्वजनिक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) पिछले 10 महीने में दो बार पवन हंस में सरकार की 51 फीसदी हिस्सेदारी को बिक्री के लिए रखा चुका है. दीपम के इस संबंध में जल्द फिर से आशय पत्र आमंत्रित करने की उम्मीद है.
अधिकारी ने बताया कि ओएनजीसी को लगता है कि पवन हंस में उसकी हिस्सेदारी अब रणनीतिक नहीं रह गयी है, क्योंकि अब वह अपने अपतटीय तेल एवं गैस खनन क्षेत्रों में कर्मचारियों को लाने ले जाने के लिए चार्टर हेलीकॉप्टरों को प्रतिस्पर्धी दरों पर किराये पर लेने की निविदा निकाल सकती है. कंपनी ने अभी 22 हेलीकॉप्टर किराये पर लिए हुए हैं. इनमें पवन हंस के हेलीकॉप्टरों को संख्या सात या उससे भी कम है. पवन हंस के पास कुल 46 हेलीकॉप्टरों का बेड़ा है.
अधिकारी ने बताया कि ओएनजीसी की 29 जून को हुई निदेशक मंडल की 308वीं बैठक में ओएनजीसी समूह की कंपनियों के पुनर्गठन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी गयी. साथ ही, मुख्य कारोबार को एकीकृत करने के लिए कुछ कारोबारों से बाहर आने की भी अनुमति दी गयी है. पिछले साल अक्टूबर में सरकार ने पवन हंस में 51 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री का प्रस्ताव किया.
ओएनजीसी ने भी दीपम के सामने उसकी 49 फीसदी हिस्सेदारी को भी इसी तरह बेचने का प्रस्ताव रखा, लेकिन तब कंपनी को इसके लिए अपने निदेशक मंडल से मंजूरी लेनी थी, जो अब उसे मिल गयी है. अब दीपम के पवन हंस में 100 फीसदी हिस्सेदारी बिक्री का प्रस्ताव लाने की उम्मीद है.
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