नयी दिल्ली : केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एयरसेल मैक्सिस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में पूरक चार्जशीट फाइल की है. सीबीआई ने इस मामले में पी चिदंबरम के अलावा 18 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, जिनमें उनके बेटे कार्ति चिदंबरम का नाम भी शामिल है.
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एयरसेल-मैक्सिस मामले में सीबीआई की ओर से पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को पहले से ही आरोपी बनाया गया है. इस मामले पर अदालत 31 जुलाई को सुनवाई करेगी. चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने कथित तौर पर एयरसेल-मैक्सिस को एफडीआई को मंजूरी देने के लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समीति की सिफारिशों को नजरअंदाज किया था.
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इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें उसने कहा है कि एयरसेल ने 2006 में 3,500 करोड़ रुपये के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को लाने के लिए इजाजत मांगी थी, लेकिन वित्त मंत्रालय ने इन आंकड़ों को कम करके दिखाया. ईडी के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने मामले को आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति के पास जाने से बचाने के लिए दिखाया कि एयरसेल ने सिर्फ 180 करोड़ रुपये की एफडीआई के लिए इजाजत मांगी है. उस समय लागू नियमों के मुताबिक 600 करोड़ रुपये तक के विदेशी निवेश को वित्त मंत्री एफआईपीबी के जरिये मंजूरी दे सकते थे.
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ईडी का कहना है कि पी चिदंबरम को 600 करोड़ रुपसे तक के परियोजना के प्रस्ताव को मंजूरी देने का अधिकार था. इससे ऊपर के परियोजना के लिए आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की मंजूरी की जरूरत थी. यह मामला 3,500 करोड़ रुपये की एफडीआई की मंजूरी का था. इसके बावजूद एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में चिदंबरम ने आर्थिक मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति की अनुमति के बिना मंजूरी दी.
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