नयी दिल्ली : सरकार के साथ गुरुवार की देर रात तक जारी ट्रांसपोर्टरों की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद ट्रक ऑपरेटर शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये. हालांकि, अब तक हड़ताल का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला है. डीजल की कीमतों और टोल फीस में कमी की मांग को लेकर ट्रक और बस ऑपरेटर्स संगठन ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के नेतृत्व में ट्रांसपोर्टर हड़ताल पर हैं.
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खबरों में कहा गया है कि कुछ जगहों को छोड़कर बाकी स्थानों पर हड़ताल का ज्यादा असर नहीं दिखाई दिया, क्योंकि ट्रांसपोर्टरों को इस मामले में जल्द ही कुछ समाधान निकलने की उम्मीद है. एआईएमटीसी के महासचिव नवीन गुप्ता ने कहा कि वित्त मंत्री पीयूष गोयल के साथ गुरुवार की देर रात 1 बजकर 30 मिनट तक चर्चा जारी रही, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकलने के कारण शुक्रवार की सुबह हड़ताल पर जाने का फैसला किया गया.
गुप्ता ने कहा कि संगठन को शुक्रवार को संबंधित मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक की उम्मीद है. इससे पहले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने तीन महीने का समय मांगा था. गुप्ता ने कहा कि हम आज कुछ ठोस समाधान निकलने की उम्मीद कर रहे हैं. ट्रांसपोर्टरों की मांग है कि डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाये.
एआईएमटीसी ने कहा कि वे दोषपूर्ण और गैर-पारदर्शी टोल संग्रह प्रणाली के भी खिलाफ हैं, क्योंकि इस वजह से र्इंधन और समय के नुकसान से सालाना 1.5 लाख करोड़ रुपये की चपत लगती है. इसके अतिरिक्त उन्होंने अधिक बीमा प्रीमियम और थर्ड पार्टी बीमा प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने की भी मांग की है.
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