GST Council का निर्णय, सैनिटरी नैपकिन हुआ टैक्स फ्री, टीवी-फ्रिज, बिजली के घरेलू सामान, जूते-चप्पल सस्ते
नयी दिल्ली : जीएसटी परिषद ने सैनिटरी नैपकिन को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट देने की एक साल से चल रही मांग को शनिवार को पूरा किया. जीएसटी के बारे में निर्णय करने वाले इस सर्वोच्च निकाय ने इसके अलावा टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन तथा बिजली से चलने वाले कुछ घरेलू उपकरणों और […]
नयी दिल्ली : जीएसटी परिषद ने सैनिटरी नैपकिन को माल एवं सेवा कर (जीएसटी) से छूट देने की एक साल से चल रही मांग को शनिवार को पूरा किया. जीएसटी के बारे में निर्णय करने वाले इस सर्वोच्च निकाय ने इसके अलावा टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन तथा बिजली से चलने वाले कुछ घरेलू उपकरणों और अन्य उत्पादों पर भी कर की दरें कम की हैं.
ये सामान हुए सस्ते
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने यहां जीएसटी परिषद की 28वीं बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सैनिटरी पैड से जीएसटी कर की दर को 12 प्रतिशत से कम करके शून्य कर दिया गया है. राखी को भी जीएसटी से छूट दे दी गयी है. जिन अन्य उत्पादों पर जीएसटी की दर कम की गयी है, उनमें जूते-चप्पल (फुटवियर), छोटे टीवी, पानी गर्म करने वाला हीटर, बिजली से चलने वाली इस्त्री (आयरनिंग) मशीन, रेफ्रिजरेटर, लीथियम आयन बैटरी, बाल सुखाने वाले उपकरण (हेयर ड्रायर), वैक्यूम क्लीनर, खाद्य उपकरण और एथनॉल शामिल हैं.
गोयल ने कहा, ‘जीएसटी परिषद ने कई उत्पादों पर कर में कटौती की है. राखी को जीएसटी से छूट दी गयी है, एथनॉल पर कर को कम करके 5 प्रतिशत किया गया और दस्तकारी के छोटे सामानों को कर से छूट दी गयी है.’ निर्माण क्षेत्र के काम आने वाले तराशे हुए कोटा पत्थर, सैंड स्टोन और इसी गुणवत्ता के अन्य स्थानीय पत्थरों पर जीएसटी की दर को 18 से घटाकर 12 प्रतिशत किया गया है.
एक हजार रुपये मूल्य तक के जूते-चप्पल पर अब 5 प्रतिशत का कर लगेगा. पहले यह रियायती दर केवल 500 रुपये मूल्य के जूते-चप्पल पर लागू थी. मध्यम वर्ग द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले 17 उत्पादों जैसे पेंट्स, फ्रिज, वॉशिंग मशीन, वैक्यूम क्लीनर, पानी गर्म करने वाला हीटर, 68 सेमी तक के टीवी पर कर की दर को 28 प्रतिशत से कम करके 18 प्रतिशत किया गया है. जीएसटी परिषद की अगली बैठक 4 अगस्त को होनी है.
छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत
गोयल ने कहा कि जीएसटी की नयी दरें 27 जुलाई से लागू की जायेंगी. जीएसटी परिषद ने छोटे कारोबारियों की सुविधा के लिये फैसला किया है कि सालाना पांच करोड़ रुपये से नीचे के कारोबार करने वाले तिमाही रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. इस फैसले से 93 प्रतिशत इकाइयों को सुविधा होगी.
तिमाही रिटर्न भी मासिक रिटर्न के जैसा ही भरना पड़ेगा. इसमें बी2सी (व्यवसायी से उपभोक्ताओं को बिक्री) और बी2बी (व्यावसायिक इकाई से व्यवसायिक इकाई को आपूर्ति)+ बी2सी कारोबार करने वाली छोटी इकाइयों के लिये दो साधारण रिटर्न फॉर्म ‘सहज’ और ‘सुगम’ तैयार किये गये हैं.
वित्त मंत्री ने बताया कि परिषद ने रिवर्स चार्ज व्यवस्था पर अमल को और एक साल (30 सितंबर 2019 तक) के लिये स्थगित कर दिया है. छोटे व्यापारियों के संगठन कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के फैसले का स्वागत किया है. कैट ने सैनिटरी नैपकिन पर जीएसटी खत्म करने तथा घरेलू उपकरणों पर करों में कटौती किये जाने का भी स्वागत किया है.
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाला ने कहा कि आज का फैसला सरकार का सजगतापूर्ण निर्णय है. इससे उपभोक्ता वस्तुओं के दाम कम होंगे, कर का दायरा बढ़ेगा तथा सरकार को ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा. वहीं, टिकाऊ उपभोक्ता सामान बनाने वाली इकाइयों के संगठन कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड एप्लाइंसेस मैन्युफैक्चर्स एसोसिएशन (सीईएएमए) के अध्यक्ष मनीष शर्मा ने टीवी, वॉशिंग मशीन, फ्रिज, एसी पर कर घटाने का स्वागत करते हुये कहा कि इससे इन उद्योगों को प्रोत्साहन मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार ने यह फैसला ऐसे समय किया है जबकि यह उद्योग आगामी त्योहारों के लिये आपूर्ति की तैयारी में लगा है.
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