G-20 शिखर सम्मेलन : बढ़ता व्यापारिक और भूराजनीतिक तनाव आर्थिक वृद्धि के लिए जोखिम

ब्यूनस आयर्स : व्यापारिक मोर्चे पर बढ़ता तनाव और भू – राजनीतिक तनाव को लेकर सोमवार को जी-20 समूह के वित्त मंत्रियों ने चेतावनी दी कि इससे वैश्विक आर्थिक वृद्धि संकट में पड़ जायेगी. उन्होंने जोखिम टालने के लिए परस्पर बातचीत तेज कर के विश्वास स्थापित करने पर बल दिया है. यहां जी -20 शिखर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2018 4:20 PM

ब्यूनस आयर्स : व्यापारिक मोर्चे पर बढ़ता तनाव और भू – राजनीतिक तनाव को लेकर सोमवार को जी-20 समूह के वित्त मंत्रियों ने चेतावनी दी कि इससे वैश्विक आर्थिक वृद्धि संकट में पड़ जायेगी. उन्होंने जोखिम टालने के लिए परस्पर बातचीत तेज कर के विश्वास स्थापित करने पर बल दिया है. यहां जी -20 शिखर सम्मेलन के समापन पर जारी बयान में यह बात कही गयी है.

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बैठक में वैश्विक स्तर पर व्यापारिक तनाव बढ़ने की आशंका छायी रही, लेकिन बयान में अमेरिका का जिक्र नहीं किया गया है, जो इस समय उत्तरी अमेरिका और यूरोपीय देशों तथा चीन के साथ व्यापारिक विवाद में उलझा हुआ है. अमेरिका का उल्लेख नहीं होने के बावजूद यह बयान जी-20 के मार्च के बयान की तुलना में मजबूत है. उस बयान में इस मुद्दे के उल्लेख से बचा गया था.

बयान में कहा गया है कि जी-20 देशों के मंत्रियों ने वर्तमान में वैश्विक वृद्धि को मजबूत बताया, लेकिन अल्पकालिक और मध्यकालिक अवधि में जोखिम बढ़ने की चेतावनी दी. अमेरिका द्वारा यूरोपीय संघ और चीन के अलावा अन्य देशों पर शुल्क लगाने से उत्पन्न तनाव के बीच जी-20 देशों के मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के प्रमुखों की यह बैठक हुई है.

ट्रंप की संरक्षणवादी नीतियों की आलोचना ने उस समय जोर पकड़ा, जब यूरोपीय संघ के वित्तीय मामलों के आयुक्त पियरे मोस्कोविकी ने अमेरिका से शत्रु नहीं, बल्कि सहयोगी की तरह कार्य करने की अपील की. फ्रांस के वित्त मंत्री ब्रूनो ले माइरे ने अमेरिका की व्यापार कार्रवाइयों की निंदा की है और अमेरिका को पहले इसे कम करने को कहा है.

वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा की कोष की प्रमुख क्रिस्टीन लगार्ड ने जवाबी शुल्क लगाने की आलोचना की और व्यापार मोर्चे से जुड़े विवादों को अंतरराष्ट्रीय सहयोग से सुलझाने का आग्रह किया है. घोषणा पत्र में जी-20 ने मार्च के इस प्रतिबद्धता को दोहराया है कि सदस्य देश बाजार प्रतिस्पर्धा में आगे निकलने के लिए अपनी मुद्राओं के अवमूल्यन की होड़ से बचेंगे.

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