Walmart-Flipkart के सौदे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगा कैट!
नयी दिल्ली : असंगठित क्षेत्र के व्यापरियों का शीर्ष संगठन कैट ने सोमवार को कहा कि अगर सरकार वालमार्ट-फ्लिपकार्ट समझौते को मंजूरी देती है, तो वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जायेगा. अखिल भारतीय व्यापारियों का परिसंघ ( कैट) ने कहा कि अगर वालमार्ट का 16 अरब डॉलर में फ्लिपकार्ट में अधिग्रहण का सौदे को […]
नयी दिल्ली : असंगठित क्षेत्र के व्यापरियों का शीर्ष संगठन कैट ने सोमवार को कहा कि अगर सरकार वालमार्ट-फ्लिपकार्ट समझौते को मंजूरी देती है, तो वह इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जायेगा. अखिल भारतीय व्यापारियों का परिसंघ ( कैट) ने कहा कि अगर वालमार्ट का 16 अरब डॉलर में फ्लिपकार्ट में अधिग्रहण का सौदे को अनुमति दी जाती है, हमारी कानूनी टीम सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार है. संगठन का कहना है कि इस सौदे से पुराने खुदरा कारोबारियों को कठिनाई होगी.
इसे भी पढ़ें : Walmart ने लखनऊ में खोला भारत का दूसरा एफसी, अगले तीन साल में 20 Wholesale Centre खोलने का लक्ष्य
संगठन के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि व्यापार वालमार्ट-फ्लिपकार्ट सौदे को लेकर नाखुश हैं. इस सौदे से निश्चित रूप से व्यापारियों के हित प्रभावित होंगे. उन्होंने कहा कि इसीलिए सरकार को एहतियात बरतना चाहिए कि सौदा न हो और भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग इसे मंजूरी नहीं देनी चाहिए. खंडेलवाल ने कहा कि कैट इस सौदे के बारे में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, निर्मला सीतारमण और सुरेश प्रभु के साथ चर्चा करेगा. ये सभी मंत्रियों के कल राष्ट्रीय व्यापारियों के सम्मेलन में भाग लेने का कार्यक्रम है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में हमारी कानूनी टीम सुप्रीम कोर्ट में जाने को तैयार है और याचिका पर काम जारी है. हम सरकार के रुख को देख रहे हैं और जरूरत पड़ी, तो हम शीर्ष अदालत में जाने से नहीं हिचकिचायेंगे. खंडेलवाल ने यह भी कहा कि सौदे को मंजूरी मिलने की स्थिति में व्यापारी आगे और विरोध प्रदर्शन की योजना बनायेंगे.
इस बारे में संपर्क किये जाने पर वालमार्ट के प्रवक्ता ने कहा कि सौदा सरकार की उस नीति के अनुरूप है, जिसमें ‘मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स’ मॉडल के जरिये स्वत: मार्ग से 100 फीसदी एफडीआई (प्रत्यक्ष विदेशी निवेश) की अनुमति दी गयी है.
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.