नयी दिल्ली : आयकर विभाग सरकारी और निजी क्षेत्र की इकाइयों द्वारा स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के मामले में चूक के खिलाफ निगरानी कड़ी करने की तैयारी में है. इस मामले में विभाग निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के साथ-साथ ऑनलाइन खुदरा बाजार पोर्टल (ई-रिटेल पोर्टल) और पंचायत आदि स्थानीय निकायों की पर विशेष ध्यान देगा.
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केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अपने आकलन अधिकारियों (एओ) को निर्देश दिया है कि वे कम से कम 30 सर्वे या ऑन स्पॉट जांच जरूर करें. यह निर्देश कर विभाग की नीति निर्धारक संस्था सीबीडीटी द्वारा हाल में जारी केंद्रीय कार्रवाई योजना (सीएपी) 2018-19 के तहत दिया गया है. सीएपी पूरे साल के लिए कर अधिकारियों के लिए एक खाके के रूप में काम करता है.
सीएपी की प्रति के अनुसार, स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) तथा स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) के अनुपालन में चूक का पता लगाने का सबसे बेहतर तरीका सर्वे होता है. इस योजना के अनुसार, प्रत्येक एओ को एक साल के दौरान 30 सर्वे या स्पॉट जांच करनी होगी. सर्वे या स्पॉट पर जांच के तहत आयकर विभाग का दल किसी ऐसे कारोबारी संगठन जिस पर टीडीएस चूक का संदेह है, के परिसर पर अचानक पहुंचकर उनके बही-खातों और वित्तीय ब्योरे की जांच करता है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि विभाग में सैकड़ों आकलन अधिकारी हैं. इन नये नीतिगत उपायों से कर अधिकारी देशभर में हजारों की संख्या में टीडीएस सर्वे कर पायेंगे. कार्रवाई योजना के तहत टीडीएस के सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) को फील्ड अधिकारियों को नियमित रूप से उपयोगी रिपोर्ट उपलब्ध कराने को कहा गया, जिससे सर्वे मामलों की पहचान में मदद मिल सकेगी.
कार्रवाई योजना में कहा गया है कि टीडीएस भुगतान की निगरानी इस दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हो जाती है कि 2017-18 में देश में कुल कर संग्रह में टीडीएस संग्रह का हिस्सा 41 फीसदी था. इसमें कहा गया है कि प्रभावी और दक्ष टीडीएस प्रशासन इन उद्देश्यों को हासिल करने की दृष्टि से तो महत्वपूर्ण क्षेत्र है. साथ ही, यह बेहतर करदाता सेवा प्रदान करने की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है.
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