नयी दिल्ली : रिलायंस इंडस्ट्रीज के कृष्णा गोदावरी बेसिन स्थित केजी-डी6 ब्लाॅक के एमए तेल एवं गैस क्षेत्र से सितंबर तक उत्पादन बंद हो जायेगा. ठीक एक दशक पहले इस फील्ड से उत्पादन शुरू हुआ था.
कंपनी के लिए कभी उसका गौरव रहे इस क्षेत्र से उत्पादन में उम्मीद के मुकाबले कहीं जल्दी गिरावट आयी है. रिलायंस ने कृष्णा गोदावरी बेसिन में 19 तेल एवं गैस खोज की हैं. इनमें से डी26 या एमए से उत्पादन सितंबर 2008 में शुरू हुआ. वहीं, धीरूभाई-1 और 3 (डी1 और डी3) क्षेत्रों से उत्पादन अप्रैल 2009 में शुरू हुआ. कंपनी ने पहली तिमाही के वित्तीय नतीजे की घोषणा के बाद निवेशकों को दी जानकारी में कहा, ‘एमए फील्ड से उत्पादन सितंबर 2018 से बंद होने का अनुमान है.’ तेल एवं गैस खोज एवं उत्पादन क्षेत्र के नियामक हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (डीजीएच) के आंकड़ों के अनुसार फील्ड से पहले महीने में कच्चे तेल का उत्पादन 39,976 टन हुआ जो मई 2010 में बढ़कर 1,08,418 टन पर पहुंच गया.
कंपनी ने निवेशकों को दी जानकारी में कहा कि उसके बाद से फील्ड से उत्पादन में गिरावट जारी है और यहां अप्रैल-जून तिमाही में उत्पादन मात्र 1960 टन रह गया. एमए क्षेत्र से गैस का उत्पादन अप्रैल 2009 में शुरू हुआ. उसी समय डी1 और डी6 से उत्पादन शुरू हुआ था. यह अगस्त 2010 में बढ़कर 84 लाख टन घन मीटर प्रतिदिन पहुंच गया. लेकिन, बाद में इसमें बालू एवं पानी आने से कुओं को बंद करना पड़ा. उस समय डी1 तथा डी3 फील्ड से भी उत्पादन उच्च स्तर पर पहुंच गया था. उस साल मार्च में उत्पादन 6.14 करोड़ घन मीटर प्रतिदिन तक पहुंच गया था. इसके बाद से उत्पादन में लगातार गिरावट आयी.
रिलांयस के अनुसार, अप्रैल-जून तिमाही में केजी-डी6 से औसत उत्पादन 47 लाख घन मीटर प्रतिदिन रहा. इसमें डी1 और डी3 तथा एमए फील्ड से हुआ उत्पादन शामिल हैं. कंपनी ने अप्रैल में कहा था कि सरकार द्वारा जारी ‘साइट रिस्टोरेशन गाइडलाइंस’ का पालन करते हुए रिलायंस ने मौजूदा उत्पादन क्षेत्रों से गतिविधियां बंद करने के संबंध में बैंक गारंटी सौंपी है. हालांकि, कंपनी ने क्षेत्र में उत्पादन बंद करने के लिए कोई समय सीमा नहीं बतायी है, लेकिन उसने अब कहा है कि एमए फील्ड को सितंबर में बंद कर दिया जायेगा.
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