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NAA ने Airtel और Indgo से जीएसटी में ग्राहकों को लाभ देने पर पूछी कैफियत, जानें…

नयी दिल्ली : जीएसटी मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण ने दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल और किफायती एयरलाइंस कंपनी इंडिगो से पूछा है कि क्या वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) या नयी कर प्रणाली में इनपुट टैक्स क्रेडिट (साधनों पर दिये गये कर लाभ) की सुविधा से उनके लिए अपनी सेवाओं की दर में कमी करने की गुजाइंश […]

नयी दिल्ली : जीएसटी मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण ने दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल और किफायती एयरलाइंस कंपनी इंडिगो से पूछा है कि क्या वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) या नयी कर प्रणाली में इनपुट टैक्स क्रेडिट (साधनों पर दिये गये कर लाभ) की सुविधा से उनके लिए अपनी सेवाओं की दर में कमी करने की गुजाइंश बनी है. कंपनियों को गणना करके अपना जवाब देने के लिए एक पखवाड़े (दो सप्ताह) का समय दिया गया है.

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एक सूत्र ने कहा कि राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण (एनएए) ने दूरसंचार एवं विमानन क्षेत्र में कीमतों पर जीएसटी के प्रभाव को जानने के लिये स्वत: संज्ञान लिया है. उसने इन अपने अपने क्षेत्र के बाजार में अग्रणी स्थान रखने वाले कंपनियों से उन्हें संसाधनों पर चुकाये गये कर के लाभ (आईटीसी) की गणना करने को कहा है. उसने पूछा है कि क्या इसका फायदा ग्राहकों को दिया जा सकता है अथवा नहीं?

सूत्र ने कहा कि कंपनियों को गणना करके अपना जवाब देने के लिए एक पखवाड़े (दो सप्ताह) का समय दिया गया है. सूत्र ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद दूरसंचार क्षेत्र पर कर का बोझ बढ़ा है. इस क्षेत्र में ग्राहकों को लाभ देने की ज्यादा गुंजाइश नहीं है. हालांकि, एनएए ने उद्योग वार प्रभाव का आकलन करने के लिए कंपनियों से गणना करने को कहा है.

एनएए के सवाल पर इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा कि टिकटों पर जीएसटी दरों में कटौती का लाभ सभी कंपनियां ग्राहकों को दे रही हैं. प्रासंगिक सूचनाओं पर हमने सक्षम प्राधिकारी के साथ बैठक में चर्चा की है और उनको विवरण जमा कर दिये हैं, ताकि वे उसकी समीक्षा कर सकें. वहीं, एयरटेल के प्रवकता ने कहा कि हमें रिपोर्ट देने के लिए प्राधिकरणों से कोई नोटिस नहीं मिला है.

गौरतलब है कि दूरसंचार प्रदाताओं के लिये जीएसटी प्रणाली में कर की दर बढ़ाकर 18 फीसदी की गयी थी. इससे पहले इस पर उपकर सहित 15 फीसदी का सेवाकर लगता था. हालांकि, नयी कर व्यवस्था में दूरसंचार कंपनियों को संसाधनों की खरीद पर चुकाये गये कर को अपनी ओर से किये गये जीएसटी भुगतान में जोड़ने की सुविधा देने की अनुमति दी है. इसी प्रकार, विमानन क्षेत्र में इकोनॉमी क्लास यात्रा पर 5 फीसदी जबकि बिजनेस क्लास सफर पर आईटीसी लाभ के साथ 12 फीसदी की दर से जीएसटी लागू है. इससे पहले 5 फीसदी और 9 फीसदी टैक्स लगता था.

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