Loading election data...

ई-कॉमर्स नीति मसौदा : रिटेल और सोशल मीडिया कंपनियों को देनी होगी सब्सक्राइबर्स की जानकारी

नयी दिल्ली : फ्लिपकार्ट जैसी खुदरा और सोशल मीडिया कंपनियों को अपने उपयोगकर्ताओं के आंकड़ों को भारत में ही रखना पड़ सकता है. ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय नीति के मसौदे में यह कहा गया है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सरकार कंपनी कानून में भी संशोधन पर विचार कर सकती है, ताकि ई-कॉमर्स कंपनियों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 30, 2018 8:56 PM

नयी दिल्ली : फ्लिपकार्ट जैसी खुदरा और सोशल मीडिया कंपनियों को अपने उपयोगकर्ताओं के आंकड़ों को भारत में ही रखना पड़ सकता है. ई-कॉमर्स क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय नीति के मसौदे में यह कहा गया है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सरकार कंपनी कानून में भी संशोधन पर विचार कर सकती है, ताकि ई-कॉमर्स कंपनियों में संस्थापकों की हिस्सेदारी घटने के बावजूद उनका अपनी ई-वाणिज्य कंपनियों पर नियंत्रण बना रह सके.

इसे भी पढ़ें : सरकार ने भी माना, राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति है जरूरी

मसौदा नीति के मुताबिक, जिन आंकड़ों को भारत में ही रखने की आवश्यकता होगी, उसमें इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) द्वारा संग्रहीत सामुदायिक आंकड़े, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, सोशल मीडिया और सर्च इंजन आदि समेत विभिन्न स्रोतों से उपयोगकर्ताओं द्वारा सृजित डेटा शामिल होगा. नीति में यह भी प्रस्ताव किया गया है कि सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा तथा सार्वजनिक नीति मकसद से भारत में रखे आंकड़ों तक पहुंच होगी.

इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि ग्राहकों द्वारा सृजित आंकड़े उनके अनुरोध पर देश में विभिन्न मंचों के बीच भेजा जा सके. साथ ही, घरेलू कंपनियों को समान अवसर उपलब्ध कराया जायेगा. इसके लिए यह तय किया जायेगा कि ई-कॉमर्स लेन-देन में शामिल विदेशी वेबसाइट उन्हीं नियमों का पालन करें. मसौदा में ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के संदर्भ में दिशा-निर्देश के क्रियान्वयन के संदर्भ में शिकायतों के प्रबंधन के लिए प्रवर्तन निदेशालय में एक अलग प्रकोष्ठ गठित करने का सुझाव दिया गया है.

सूत्रों के अनुसार, ‘मार्केट प्लेस’ (ई-कॉमर्स कंपनियां) पर ब्रांडेड वस्तुएं खासकर मोबाइल फोन की थोक में खरीद पर पाबंदी लगायी जा सकती है, क्योंकि इससे कीमतों में गड़बड़ी होती है. सरकार ने राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति तैयार करने के लिए वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है. समिति की दूसरी बैठक राष्ट्रीय राजधानी में जारी है. समिति में विभिन्न सरकारी विभागों तथा निजी क्षेत्र के सदस्य शामिल हैं.

Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

Next Article

Exit mobile version