महंगाई ने बढ़ायी चिंता, रिजर्व बैंक ने ब्याज दर में की चौथाई फीसदी की वृद्धि

मुंबई : भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में चौथाई फीसदी वृद्धि कर दी है. रिजर्व बैंक ने ब्याज दर 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ा दी है. आरबीआइ मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में आज यह निर्णय लिया गया कि मौजूदा हालात में ब्याज दर में 25 बेसिस प्वाइंटकीवृद्धि की जाये. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 1, 2018 2:52 PM

मुंबई : भारत के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो रेट में चौथाई फीसदी वृद्धि कर दी है. रिजर्व बैंक ने ब्याज दर 25 बेसिस प्वाइंट बढ़ा दी है. आरबीआइ मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक में आज यह निर्णय लिया गया कि मौजूदा हालात में ब्याज दर में 25 बेसिस प्वाइंटकीवृद्धि की जाये. यानीअबरेपो रेट6.50 हो गयी. केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर बढ़ाए जाने के बाद बैंकों द्वारा ग्राहकों को दिये जाने वाले कर्ज पर ब्याज बढ़ाने की संभावना है. इससे इएमआइ महंगी हो जाएगी.

रिजर्व बैंक ने महंगाई बढ़ने की चिंता में दो माह में दूसरी बार मुख्य नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की है.

हालांकि बैंकिंग सेक्टर के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि कर्ज लेने की रफ्तार अभी धीमी है और बैंकों में काफी कड़ी प्रतिस्पर्धा है, इसलिए बैंक अपने ग्राहकों पर पूरे 25 बेसिस प्वाइंट ब्याज दर वृद्धि को ट्रांसफर नहीं करें और 10 से 15 बेसिस प्वाइंट का ही ग्राहकों पर बोझ डालें.

आरबीआइ गवर्नर ने मॉनिटरी पॉलिसी का एलान करते हुए कहा कि हर क्षेत्र में महंगाई बढ़ी है. उन्होंने कहा कि वैश्विक हालात चिंताजनक बने हुए हैं.

रिजर्व बैंक ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति के 4.8 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है. अप्रैल-सितंबर अवधि में जीडीपी वृद्धि दर 7.5 – 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमानव्यक्त किया गयाहै. पूरे वित्त वर्ष की वृद्धि का अनुमान 7.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है.

मॉनिटरी पॉलिसी की अगली बैठक तीन से पांच अक्तूबर के बीच होगी.


रेपो रेटक्याहै?

रेपो दर वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक दूसरे वाणिज्यक बैंकों को एक दिन केलिए धन उधार देता है.


तीन दिन की बैठक में फैसला व महंगाई वृद्धि

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में हुई छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने समीक्षा बैठक के तीसरे दिन आज यह फैसला किया. इसके साथ ही मौद्रिक नीति के रुख को भी तटस्थ बनाये रखा है. समिति ने चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही केलिए खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को 4.2 प्रतिशत पर रखा है जबकि वर्ष की दूसरी छमाही के दौरान इसके 4.8 प्रतिशत तक पहुंच जाने का अनुमान लगाया है. मुद्रास्फीति के बारे में आरबीआइ का ताजा अनुमान इसके चार प्रतिशत के संतोषजनक माने जाने वाले स्तर से ऊपर है.

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