नयी दिल्ली : एप्पल ने इतिहास रचा है. एप्पल अमेरिका की पहली कंपनी बन गयी है जो 1 लाख करोड़ डॉलर की मार्केट कैप वाली दुनिया की दूसरी और अमेरिका की पहली कंपनी बन गयी है. याद होगा कि इससे पहले साल 2007 में शंघाई के शेयर बाजार में पेट्रोचाइना इस स्थान पर पहुंची थी. जनवरी 2018 के बाद से एप्पल के शेयर में 22 फीसद की तेजी आयी और पिछले 12 महीने में ही यह 34 फीसद तक चढ़ गया. कंपनी का मार्केट कैप 9 साल में करीब 900 फीसदी बढ़ा. एप्पल 7 साल से लगातार दुनिया की नंबर 1 कंपनी बनी हुई है.
भारत और पाकिस्तान से तुलना
एप्पल की एक लाख करोड़ डॉलर की मार्केट वैल्यू का अंदाजा अगर भारत और पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से करें तो यह भारत की अर्थव्यवस्था का करीब 38 फीसदी है. विश्व बैंक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत दुनिया की छठी बड़ी अर्थव्यवस्था है और उसकी कुल अर्थव्यवस्था 2.6 लाख करोड़ डॉलर की है जबकि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से इसकी तुलना करें तो वह अकेले ही 3 से ज्यादा पाकिस्तान खरीद सकती है. पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का लगभग 304 अरब डॉलर के करीब है.
कब हुई थी कंपनी की स्थापना
1970 में स्टीव जॉब्स ने एप्पल की स्थापना की थी. 1980 में कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट हुई. 1980 में लिस्टेड कंपनी बनने के बाद से अब तक एप्पल ने 50 हजार फीसदी की बढ़ोत्तरी कर ली है. स्थापक स्टीव जॉब्स की 2011 में कैंसर से मौत हो गई. टिम कुक सीईओ का पद संभाल रहे हैं, जिनकी अगुआई में कंपनी का मुनाफा दोगुना हो गया है.
कौन थी एक लाख करोड़ डॉलर मार्केट कैप वाली कंपनी
साल 2007 के नवंबर में पेट्रोचाइना की कंपनी ने 1 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप का आंकड़ा छुआ था. शंघाई के शेयर बाजार में उसके शेयर में तीन गुना की बढ़ोतरी हुई थी. लेकिन यह ज्यादा देर तक कायम नहीं रह सका और एक ही दिन में नीचे आ आ गया. मार्च 2008 तक वह 500 अरब डॉलर पर आ गई। आज वह अलीबाबा से भी पीछे है.
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